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International Women’s Day: बचपन में देखा था पायलट बनने का ख्वाब, IAF की फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट संभालने वाली शालिजा धामी बनी पहली महिला

नई दिल्ली: आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भारतीय वायुसेना की ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी एक मिसाल है जो अपने सपनो को सच करने की ताकत रखती है. वह भारतीय वायुसेना की पहली महिला अधिकारी बनी हैं, जिनके हाथों में फ्रंटलाइन efl कॉम्बैट यूनिट की कमान सौंपी गई है. कैप्टन शालिजा धामी वेस्टर्न सेक्टर की कॉम्बैट […]

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International Women’s Day: बचपन में देखा था पायलट बनने का ख्वाब, IAF की फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट संभालने वाली शालिजा धामी बनी पहली महिला
  • March 8, 2023 7:57 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भारतीय वायुसेना की ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी एक मिसाल है जो अपने सपनो को सच करने की ताकत रखती है. वह भारतीय वायुसेना की पहली महिला अधिकारी बनी हैं, जिनके हाथों में फ्रंटलाइन efl कॉम्बैट यूनिट की कमान सौंपी गई है. कैप्टन शालिजा धामी वेस्टर्न सेक्टर की कॉम्बैट यूनिट की कमान संभालने वाली है. बताया जा रहा है कि शालिजा धामी के नाम एक नहीं बल्कि कई उपलब्धियां हैं. साथ ही वह साल 2019 में एयरफोर्स की पहली महिला अधिकारी बनी थीं, जिनको फ्लाइंट यूनिट के फ्लाइट कमांडर पद पर प्रमोट किया गया था. उन्हें एयरफोर्स में कई पदों पर जिम्मा उठाने का 15 साल लंबा अनुभव है.

बचपन से देखती थी पायलट बनने का सपना

पंजाब के लुधियाना की रहने वाली शालिजा धामी ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक किया है. उनके माता-पिता सरकारी जॉब करते थे. शालिजा जब नौवीं क्लास में ही तब ही उन्होंने पायलट बनने का सपना देख लिया था. जानकारी के मुताबिक, उन्होंने अपनी पहली सोलो फ्लाइट साल 2003 में उड़ाई थी. बता दें, शालिजा ने एचपीटी 32 दीपक उड़या जो कि एक बेसिक ट्रेनर एयरक्रॉफ्ट है. ऐसा करने वाली शालिजा पहली महिला थीं. इससे भारत की महिलाओं के लिए सम्मान और भी बढ़ गया है.

2003 में हुई थीं वायुसेना में शामिल

ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी को भारतीय वायु सेना में 20 दिसंबर 2003 को शॉर्ट सर्विस कमीशन मिला था. इस सिलसिले को और आगे बढ़ाते हुए उनका प्रमोशन हुआ और साल 2005 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट व साल 2009 में स्क्वॉड्रन लीडर बनीं. सिर्फ इतना ही नहीं, साल 2016 में वह भारतीय वायुसेना की पहली फ्लाइड कमांडर भी बन चुकी है. साथ ही साथ वह भारतीय वायुसेना की पहली महिला फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर कहलाई गई हैं. वह भारतीय वायुसेना में परमानेंट कमीशन प्राप्त करने वाली पहली महिला ऑफिसर भी हैं.

 

 

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