नई दिल्लीः नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक लगाया है. आयकर छूट की सीमा 2 लाख 50 हजार से बढ़ाकर 5 लाख कर मोदी सरकार ने मिडल क्लास और नौकरीपेशा वर्ग को खुश करने की कोशिश है. शुक्रवार को बजट भाषण पढ़ते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों, मजदूरों, गायों और कर्मचारियों के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं. उन्होंने आयकर छूट की सीमा ढाई लाख से 5 लाख करने के साथ ही स्टैंटर्ड डिडक्शन की सीमा भी 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी. सरकार ने बैंक और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट पर 10 हजार की जगह अब 40 हजार रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री कर दिया है. साल 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद इस सरकार द्वारा पेश यह छठा बजट था. इस दौरान हर साल मोदी सरकार ने कोई न कोई ऐसी लोकलुभावन घोषणाएं कीं, जिससे मोदी सरकार की तारीफें भी हुईं. आइए जानते हैं कि पिछले 5 बजटों में मोदी सरकार ने टैक्सपेयर्स को किस तरह से खुश करने की कोशिश की और इससे सरकार को केंद्र या राज्यों में क्या फायदा हुआ.
- 2014-15 के दौरान मोदी सरकार का बजट
मई 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने फुल फ्लेज बजट पेश किया. अपने पहले बजट में ही मोदी सरकार ने चौका जड़ दिया और टेक्सपेयर्स को बड़ी राहत देते हुए इनकम टैक्स छूट की सीमा एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख कर दी. मोदी सरकार ने 60 साल से ज्यादा और 80 साल से कम उम्र के सीनियर सिटिजंस के लिए इनकम टैक्स छूट की सीमा 3 लाख कर दी थी. मोदी सरकार ने मिडल क्लास लोगों को सेक्शन 24 के तहत होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी थी. - 2015-16 के दौरान मोदी सरकार का बजट
अपने पहले बजट में ही चौका मारने के बाद दूसरे बजट में मोदी सरकार थोड़ी थमी नजर आई. इस साल इनकम टैक्स स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया. हालांकि बजट में सरकार ने नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में निवेश पर 50 हजार की एक्स्ट्रा छूट की घोषणा की थी. इस साल सरकार ने सैलरीड क्लास के लिए ट्रांसपोर्ट अलाउंस लिमिट 800 से बढ़ाकर 1600 रुपये प्रति महीने कर दिया. - 2016-17 के दौरान मोदी सरकार का बजट
मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के तीसरे बजट में भी टैक्सपेयर्स को लेकर कोई बड़ी घोषणाएं नहीं कीं. उन्होंने 5 लाख रुपये से कम आय वाले टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स पर 2,000 से 5,000 रुपये तक की छूट दी. साथ ही सरकार ने प्रॉपर्टी खरीदने वालों के लिए कुछ शर्तों के साथ 50 हजार रुपये एक्स्ट्रा टैक्स डिडक्शन की सुविधा दी. मोदी सरकार की इस साल कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में जीत हुई. - 2017-18 के दौरान मोदी सरकार का बजट
इस साल मोदी सरकार ने फिर से टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने छोटे टैक्सपेयर्स यानी 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को वार्षिक आय पर टैक्स की दर 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी. मोदी सरकार की इस घोषणा से टैक्सपेयर्स को 12,000 रुपये से ज्यादा की बचत हुई. हालांकि, इस साल 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक की आय वाले लोगों को टैक्स पर 10 फीसदी सरचार्ज देने का भी सरकार ने प्रावधान कर दिया. - 2018-19 के दौरान मोदी सरकार का बजट
मोदी सरकार ने पिछले साल के बजट में आयकर छूट को लेकर कोई बड़ी घोषणाएं नहीं कीं. हालांकि, कई राज्यों में होने वाले चुनावों के मद्देनजर लोगों को उम्मीदें थीं कि सरकार बड़ी घोषणा कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसकी वजह से किसानों और युवाओं में मोदी सरकार के प्रति नाराजगी नजर दिखी और इसका असर कर्नाटक के साथ ही मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनाव में दिखा. हालांकि, मोदी सरकार ने सैलरीड क्लास और पेंशनभोगियों के लिए 40 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन की वापसी की घोषणा की थी. पिछले साल सरकार ने टैक्स पर 1 फीसदी सेस बढ़ा दिया था. - मालूम हो कि मोदी सरकार कार्यकाल (2014-19) के इस आखिरी बजट से लोगों को काफी उम्मीदें थीं और उसी अनुसार सरकार ने भी अपने तरीके से लोगों की उम्मीदों पर खड़े उतरने की कोशिश की है. सरकार ने इस अंतरिम बजट में रेंटल इनकम पर टीडीएस की सीमा भी 1.80 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.40 लाख रुपये कर दी है. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस टैक्स छूट का लाभ 3 करोड़ मिडल क्लास टैक्सपेयर्स को मिलेगा.
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