Interim Budget 2019: अंतरिम बजट में पहले की सरकारों ने बड़ी-बड़ी घोषनाएं की हैं और इसका लोकसभा चुनाव में फायदा भी उठाया है. माना जा रहा है कि इस बार नरेंद्र मोदी सरकार भी कुछ ऐसी घोषनाएं कर सकती हैं, जिसकी मदद से वह आगामी लोकसभा चुनाव में फायदा ले सके और इन वादों-दावों को वोटबैंक में तब्दील कर सके. हम यहां बताने जा रहे हैं कि पूर्ववर्ती सरकारों ने अंतरिम बजट में किस तरह की घोषनाएं कीं और उनका असर क्या रहा.
नई दिल्लीः बस कुछ ही पलों में नरेंद्र मोदी सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल (2014-19) का अंतिम बजट पेश करने वाली है. पहले अटकलें चल रही थीं कि इसे पूर्ण बजट के रूप में सरकार संसद में पेश करेगी, लेकिन वित्त मंत्री का कार्यभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया कि यह पूर्ण नहीं बल्कि अंतरिम बजट है और इसमें अगले कुछ महीनों का ही लेखा जोखा होगा. चर्चा है कि नरेंद्र मोदी सरकार इस बजट में किसानों और मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए कुछ अहम घोषणाएं कर सकती है.. हालांकि, बजट सत्र के दौरान मात्र 4 महीने के ही आय-व्यय के ब्योरे को मंजूरी दी जाएगी. संभावना जताई जा रही है कि इस अंतरिम बजट में नरेंद्र मोदी सरकार आयकर छूट की सीमा बढ़ाने, गरीबों के लिये न्यूनतम आय योजना और किसानों के लिए सहायता पैकेज समेत कई तरह की लोक लुभावन घोषणाएं कर सकती हैं.
मालूम हो कि अंतरिम बजट में सरकार ऐसी-ऐसी घोषनाएं करती हैं, जिनका आगामी लोकसभा चुनाव पर असर हो. इसलिए माना जा रहा है कि इस बार नरेंद्र मोदी सरकार भी कुछ ऐसी घोषनाएं कर सकती हैं, जिसकी मदद से वह आगामी लोकसभा चुनाव में फायदा ले सके और इन वादों-दावों को वोटबैंक में तब्दील कर सके. हम यहां बताने जा रहे हैं कि पूर्ववर्ती सरकारों ने अंतरिम बजट में किस तरह की घोषनाएं की और उनका असर क्या रहा.
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