नई दिल्ली. कैसा लगता है जब खुद से खुद की ही लड़ाई हो? INS Vikrant बनाम IAC Vikrant! एक एयरक्राफ्ट करियर जिसे ब्रिटेन से मंगाया गया था और दूसरा वो जिसे अपने ही देश में बनाया गया. पहले विक्रांत ने 36 साल देश की सेवा की, विक्रांत ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान की धज्जियां […]
नई दिल्ली. कैसा लगता है जब खुद से खुद की ही लड़ाई हो? INS Vikrant बनाम IAC Vikrant! एक एयरक्राफ्ट करियर जिसे ब्रिटेन से मंगाया गया था और दूसरा वो जिसे अपने ही देश में बनाया गया. पहले विक्रांत ने 36 साल देश की सेवा की, विक्रांत ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान की धज्जियां उड़ा दी थीं. पड़ोसी मुल्क के युद्धपोतों, पनडुब्बियों और विमानों के सामने विक्रांत मौत बनकर खड़ा था, स्वदेशी IAC Vikrant बनने में 13 साल जरूर लग गए लेकिन ये आधुनिक, ताकतवर, क्षमतावान और घातक है.
1961 में भारतीय नौसेना में शामिल हुए INS Vikrant का ध्येय वाक्य था ‘जयेम सं युधिस्पृध’ यानी जो मुझसे युद्ध करेगा, उसे मैं पूरी तरह से पराजित कर दूंगा. आज इतने सालों बाद भी IAC Vikrant का ध्येय वाक्य भी यही है. यह ऋग्वेद से ली गई ऋचा (मंत्र) का हिस्सा है, जो इंद्र देवता को संबोधित करते हुए कहता है कि आपके विनाशकारी हथियार से जो ताकत मुझे मिली है, मैं उसी से जीतूंगा.
पुराने विक्रांत का पेनेंट नंबर R11 था, आज भी विक्रांत का नेमसेक R11 है, सबसे बड़ी बात ये है कि आज भी दोनों का नाम ‘विक्रांत’ है (यानी जिसे कोई युद्ध में पराजित न कर सके) यह शब्द संस्कृत का है, जिसका मतलब होता है बहादुर, जो हर परिस्थिति में डटा रहे. इसकी उत्पत्ति भगवद गीता के पहले अध्याय के छठे श्लोक में होती है, जिसमें पांडव के कुछ सेनानायकों की बहादुरी का भी ज़िक्र मिलता है. INS Vikrant को 36 साल सर्विस देने के बाद 15 सालों तक बतौर म्यूजियम मुंबई में इसे तैनात किया गया है, लोग उसकी क्षमताओं को देखते थे. इसके बाद साल 2004 में इसे कबाड़ में बदल दिया गया था.
पुराने INS Vikrant का डिस्प्लेसमेंट 16 हजार टन था, इसकी लंबाई मात्र 700 फीट थी. इसकी बीम की 128 फीट की थी, जबकि ड्रॉट 24 फीट था. वहीँ, IAC Vikrant की बात करें तो उसका डिस्प्लेसमेंट 45 हजार टन है और इसकी लंबाई 862 फीट है. बीम 203 फीट और ड्रॉट 28 फीट है, वहीं इसकी ऊंचाई 194 फीट है. INS Vikrant 46 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकता था, जबकि IAC Vikrant 56 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से समुद्र को चीरता हुआ निकलता है.
पुराने INS Vikrant में जो इंजन लगे थे वो उसे 40 हजार हॉर्सपॉवर की ताकत देते थे, वहीं अगर IAC Vikrant की बात करें तो इसमें लगे इंजन उसे 1.10 लाख हॉर्सपॉवर की ताकत देते हैं. पुराने विक्रांत पर कुल मिलाकर 1110 ऑफिसर या नौसैनिक रह सकते थे, जबकि इस नए विक्रांत में 1700 नेवी ऑफिसर्स या कर्मचारी रह सकते हैं.