नई दिल्ली: आईएनएस मोरमुगाव आ रहा है हिंदुस्तानी नेवी की ताकत बढ़ाने, आज से नौसेना में कमीशन होगा मिसाइल और रॉकेट लॉन्चर से लैस आईएनएस मोरमुगाओ। आईएनएस मोरमुगाव की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और 7500 टन का डिस्प्लेसमेंट है. क्या ख़ास है आईएनएस मोरमुगाव के गैस टर्बाइनों में? इस जहाज को चार शक्तिशाली […]
नई दिल्ली: आईएनएस मोरमुगाव आ रहा है हिंदुस्तानी नेवी की ताकत बढ़ाने, आज से नौसेना में कमीशन होगा मिसाइल और रॉकेट लॉन्चर से लैस आईएनएस मोरमुगाओ। आईएनएस मोरमुगाव की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और 7500 टन का डिस्प्लेसमेंट है.
क्या ख़ास है आईएनएस मोरमुगाव के गैस टर्बाइनों में?
इस जहाज को चार शक्तिशाली गैस टर्बाइनों से काम करने की ताकत मिलेगी. इस क्षमता से यह युद्धपोत 48 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार के साथ जंग के हालात में काम कर सकता है। इस युद्धपोत के भारतीय नौसेना में आने के बाद भारत की शक्ति में तीन गुना बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है।
इसके ख़ास किस्म की बाहरी परत और रडार को चकमा देने की क्षमता
आधुनिक हथियारों से सुसज्जित भारत में ही बनी मिसाइल विध्वंस आईएनएस मोरमुगाव आज भारतीय नौसेना में कमीशन प्राप्त कर रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुंबई में आधुनिक सेंसर और रडार से सुसज्जित युद्धपोत भारतीय नौसेना को सौंपने जा रहे हैं। हिंद महासागर में चीन के बढ़ते दख़ल के मद्देनज़र इस युद्धपोत को भारतीय नौसेना में शामिल किया जा रहा है, ताकि इसकी मदद से दुश्मनों के मंसूबों को तबाह किया जा सके। मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड पर बनाए गए आईएनएस मोरमुगाव में कई लाजवाब सैन्य क्षमताएं हैं। इस स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर को नए ज़माने की लड़ाईयों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह युद्धपोत भारतीय नौसेना के जंगी जहाजों के बेड़े का सबसे ख़तरनाक और लंबी दूरी तक दुश्मन का पीछा करके मारने में सक्षम है। इसकी सबसे बड़ी ख़ूबी यह है कि इसकी बाहरी परत को एक ख़ास किस्म के स्टील की मदद से बनाया गया है, जिससे की युद्ध की स्थिति में दुश्मन देश के राडार इसकी स्थिति का सटीक अंदाज़ा न लगा पाएं और भारतीय सेना बिना दुश्मन की नज़र में आए अपने मिशन को पूरा कर सके।
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