नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े सियासी कार्यक्रम ‘मंच’ पर राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के योगदान को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं. इनखबर के संपादक विद्या शंकर तिवारी के साथ बातचीत में राकेश सिन्हा ने कहा कि अगर संघ नहीं होता तो राम मंदिर का आंदोलन नहीं हो पाता, अगर संघ नहीं होता तो आपातकाल के बाद लोकतंत्र को आने में दशकों लग जाते, अगर संघ नहीं होता तो हमारे देश की संस्कृति हम सबके जीवन से अनुपस्थित होती.
राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने हमेशा कहा है कि हिंदू राष्ट्र अपरिवर्तनीय है, बाकी सब परिवर्तनीय है. उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र का मतलब भारत कोई सांप्रदायिक राज्य नहीं है. भारत अपनी संस्कृति, सभ्यता और विरासत के साथ चलने वाला एक राष्ट्र है. राष्ट्र में जब जैसी आवश्यकता होती है, संघ उसी स्वरूप में कार्य करता है.
मुसलमानों को लेकर संघ के विचार पर सवाल किए जाने पर राकेश सिन्हा ने कहा कि साल 1925 में मुस्लिमों को लेकर संघ का जो विचार था, अब भी वही विचार है. संघ मुसलमानों को इस देश के पूर्वजों से निकले हुए मानता है. उनकी पूजा पद्धति भिन्न है, लेकिन हमारी संस्कृति और विरासत एक है. संघ चाहता है कि भारत का मुसलमान भारतीय संस्कृति-सभ्यता के उन सभी तत्वों को स्वत: अपनाए जो हमारे पूर्वजों के साथ थी. भिन्न पूजा पद्धति हमें बांटती नहीं है.
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