नई दिल्ली। एक बार फिर उपभोक्ताओं को दूध के बढ़ते दामों की मार मिल सकती है। लगातार दूध की बढ़ती क़ीमतों से परेशान उपभोक्ता राहत की सांस नहीं ले सकेंगे। आने वाले समय में अहम कारणों के चलते दूध के दामों में फिर बढ़ोत्तरी होने के संकेत मिल रहे हैं। बीते चार सालों मे दूध […]
नई दिल्ली। एक बार फिर उपभोक्ताओं को दूध के बढ़ते दामों की मार मिल सकती है। लगातार दूध की बढ़ती क़ीमतों से परेशान उपभोक्ता राहत की सांस नहीं ले सकेंगे। आने वाले समय में अहम कारणों के चलते दूध के दामों में फिर बढ़ोत्तरी होने के संकेत मिल रहे हैं। बीते चार सालों मे दूध के दामों मे तगड़ा इजाफा देखा गया था, अब फिर से दूध के बढ़ते दामों की मार झेलने के लिए ग्राहकों को तैयार रहना होगा।
वित्त वर्ष 2018-2019 की पहली तिमाही में दूध की कीमत औसतन प्रति लीटर की कीमत 43.4 रुपए हुआ करती थी, लेकिन वित्तवर्ष 2022-23 की पहली तिमाही आते-आते यह कीमतें बढ़कर 51.5 रुपए प्रति लीटर हो गईं, लगभग प्रति लीटर 8 रुपए की बढ़त से परेशान जनता को एक बार फिर दूध की बढ़ती कीमतों की मार को झेलना होगा। इतना ही नहीं इस दौरान दूध के खरीद मूल्य में भी तग़ड़ा इजाफा देखा जा सकता है ये आंकड़ा 25.8 रुपए से बढ़कर 35.9 रुपए प्रति लीटर पहुंच गया है।
इक्रा रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक पुछले कुछ सालों से पशों के चारे के दाम में भी तगड़ा इजाफा देखा गया है। वहीं वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में बारिश की वजह से फसलों को जो नुकसान पहुंचा है इसी कारण चारे के दाम में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। चारे की कीमत बढ़ने के साथ-साथ डेरी चलाने वालों को पैकेजिंग और ईंधन के ऊंचे दामों की वजह से भी बढ़ी हुई लागत का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी में डेरी उद्योग को ऊंची लागत के चलते दामों में बढोत्तरी करनी पड़ रही है जिसकी वजह से खुदरा बिक्री के लिए बाजार में आने वाले दूध की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है।
कृषि मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि चारे की कीमतों मे बढ़त देखी जा रही है। उनके मुताबिक पिछले कुछ सालों में ही चारे की कीमत क़रीब 23 फीसदी बढ़ चुकी है। ऐसे में जब चारा महंगा होगा तो दूध की कीमतों में भी इसका असर साफ देखने को मिलेगा। दूध के अलावा खरीफ की भी तमाम फसलों की कीमतों में उछाल सम्भव है।