नई दिल्ली। आर्थिक संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष के साथ लोन की डील पूरी करना चाह रहा है। बता दें ,ये डील फाइनल होने से पहले पाकिस्तान उपभोक्ताओं को दूध और चिकन सहित दैनिक इस्तेमाल की चीजों के लिए बढ़ी कीमतों का सामना भी करना पड़ रहा है। वहां महंगाई इतनी […]
नई दिल्ली। आर्थिक संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष के साथ लोन की डील पूरी करना चाह रहा है। बता दें ,ये डील फाइनल होने से पहले पाकिस्तान उपभोक्ताओं को दूध और चिकन सहित दैनिक इस्तेमाल की चीजों के लिए बढ़ी कीमतों का सामना भी करना पड़ रहा है। वहां महंगाई इतनी ज्यादा हो चुकी है कि आमजन को पेट भरना भी मुश्किल हो गया है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान में खुले दूध की कीमतें 190 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 210 रुपये प्रति लीटर हो गई है और पिछले दो दिनों में ब्रॉयलर चिकन में 30-40 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई है , जिसके साथ अब इसकी कीमत 480-500 रुपये प्रति किलोग्राम तक हो गई है। जानकारी के मुताबिक ,चिकन मांस अब 700-780 पाकिस्तानी रुपये में प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है। जोकि पहले 620-650 प्रति किलोग्राम हुआ करता था। रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना हड्डी के बिकने वाले मीट की कीमत 1,000-1,100 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव के साथ अब तक के सबसे उूंचे रेट पर आ गई है।
बता दे , इसी तरह दूध की कीमतों में भी बड़ा उछाल आ गया है। रांची मिल्क रिटेलर्स एसोसिएशन के स्पोक्सपर्सन वहीद गद्दी ने बताया कि 1,000 से अधिक दुकानदार दूध की कीमतों को बढ़ा कर बेचा रहे है। उन्होंने आगे कहा कि ये वास्तव में थोक विक्रेताओं या डेयरी फार्मर्स की दुकानें हैं न कि हमारे सदस्यों की दुकान है। उन्होंने अंत में कहा कि अगर डेयरी फार्मर और थोक विक्रेताओं द्वारा घोषित मूल्य वृद्धि वापस नहीं की जाती है, तो दूध की कीमत 210 रुपये के बजाय 220 पाकिस्तानी रुपये प्रति लीटर तक हो जाएगी।
पोल्ट्री की बढ़ती दरों पर, सिंध पोल्ट्री होलसेलर्स एसोसिएशन के महासचिव कमाल अख्तर सिद्दीकी ने बताया कि जिंदा मुर्गे-मुर्गियों की थोक दर 600 रुपये प्रति किलोग्राम थी, लेकिन उनके मांस की दर 650 रुपये और 700 रुपये के बीच आंकी गई। महंगाई में ये वृद्धि आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच बातचीत में गतिरोध के बीच हुई है, जो शहबाज शरीफ की सरकार के लिए एक बड़े झटके के रूप में सामने आ गई है। पाकिस्तान रिकॉर्ड तोड़ महंगाई से उबरने के लिए बार – बार संघर्ष कर रहा है। तो वहीं, पिछले साल आई बाढ़ के कारण इस मुल्क की अर्थव्यवस्था को बड़ी चोट पहुंची थी। जिसमें 1,739 लोग मारे गए थे और लगभग 20 लाख घर नष्ट हुए थे।
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