नई दिल्ली, भारत में बढ़ती महंगाई आम आदमी को चिंता से घेरे हुए है. खाने पीने की चीज़ों से लेकर सभी मूलभूत ज़रूरतों की चीज़ों के दाम बढ़ते नज़र आ रहे हैं. इसमें से एक है खाद्य तेल जिसके दामों में पिछले कुछ महीनों में ही भारी उछाल देखने को मिला था. खाने का तेल […]
नई दिल्ली, भारत में बढ़ती महंगाई आम आदमी को चिंता से घेरे हुए है. खाने पीने की चीज़ों से लेकर सभी मूलभूत ज़रूरतों की चीज़ों के दाम बढ़ते नज़र आ रहे हैं. इसमें से एक है खाद्य तेल जिसके दामों में पिछले कुछ महीनों में ही भारी उछाल देखने को मिला था.
इंडोनेशिया से पाम ऑइल के बैन की खबर ने देश में खाद्य तेल की बढ़ती चिंताओं को और भी बढ़ा दिया है. जहां भारत में पिछले दो हफ्ते से लगातार इन कीमतों में बढ़ोतरी देखी गयी थी. अब इसके और महंगे होने की संभावना है. खाद्य मंत्रालय के उपभोक्ता मामलों के विभाग ने जो आंकड़े साझा किये हैं उनके मुताबिक, वनस्पति पैक्ड की डेली रिटेल प्राइस दो हफ्तों, 10 अप्रैल से 24 अप्रैल, 2022 के बीच 13 रुपये से बढ़कर 16 रुपये प्रति किलोग्राम हो चुकी है.
भारत में तेल की खपत को पूरा करने के लिए कुल उपयोग होने वाले तेल में से करीब 60 प्रतिशत भाग इंडोनेशिया से निर्यात कर लाया जाता है. जहां इंडोनेशिया ने 28 अप्रैल, 2022 से पाम ऑइल के निर्यात पर पाबंदियां लगा दी है. इसके अनुसार अब इंडोनेशिया पाम आयल का निर्यात नहीं करेगा.
-राजकोट: रुपये 140/Kg से बढ़कर रुपये 156/Kg (16 रुपये महंगा)
-भागलपुर: रुपये 146/Kg से बढ़कर रुपये 161/Kg (1 रुपये महंगा)
-नागपुर: रुपये 167/Kg से बढ़कर रुपये 182/Kg (15 रुपये महंगा)
-मधुबनी: रुपये 143/Kg से बढ़कर रुपये 158/Kg (15 रुपये महंगा)
-बांदा: रुपये 150/Kg से बढ़कर रुपये 165/Kg (15 रुपये महंगा)
-मेरठ: रुपये 145/Kg से बढ़कर रुपये 159/Kg (14 रुपये महंगा)
-उज्जैन: रुपये 132/Kg से बढ़कर रुपये 145/Kg (16 रुपये महंगा)
खाद्य तेल की मार से बचने के लिए राष्ट्रीय औद्योगिक संस्था द्वारा भारतीय सरकार को जी2जी यानि सरकार से सरकार के बीच बात करने की सलाह दी गयी है. जिसमें इंडोनेशिया सरकार से इस समस्या को लेकर चर्चा की जाए ऐसी सलाह है. राष्ट्रीय औद्योगिक संस्थान को डर है कि इंडोनेशिया के इस फैसले को लेकर भारत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
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