पीएम नरेंद्र मोदी अपनी दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण में 9 जुलाई को मॉस्को से ऑस्ट्रिया पहुंचने वाले हैं। यह 41 वर्षों में किसी भारतीय
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी अपनी दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण में 9 जुलाई को मॉस्को से ऑस्ट्रिया पहुंचने वाले हैं। यह 41 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रिया की पहली यात्रा होगी। वियना प्रवास के दौरान पीएम मोदी ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन और चांसलर नेहमर से मुलाकात करेंगे। दोनों नेता भारत और ऑस्ट्रिया के बिजनेस लीडर्स को भी संबोधित करेंगे।
भारत और ऑस्ट्रिया के बीच राजनयिक संबंध के 75 साल पूरे हो रहे हैं। पीएम मोदी से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 और 1983 में ऑस्ट्रिया का दौरा किया था। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भी 1955 में ऑस्ट्रिया का दौरा किया था। हालांकि, 1999 में तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायण और 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने भी ऑस्ट्रिया का दौरा किया था।
ऑस्ट्रिया मध्य यूरोप का एक महत्वपूर्ण देश है। भारत और ऑस्ट्रिया के बीच बुनियादी ढांचे, रिन्यूएबल एनर्जी, हाई टेक्नोलॉजी, स्टार्ट-अप, मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के बेहतरीन अवसर हैं। 30 से 40 बड़ी ऑस्ट्रियाई कंपनियां पहले से ही भारत में बुनियादी ढांचे, सुरंग निर्माण और ट्रैक बिछाने जैसे क्षेत्रों में मौजूद हैं। फरवरी 2024 में भारत-ऑस्ट्रिया स्टार्ट-अप ब्रिज लॉन्च किया गया है। पिछले साल मई में दोनों देशों ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। दोनों देश द्विपक्षीय साझेदारी के नए क्षेत्रों का विस्तार और पता लगाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
ऑस्ट्रिया ने 1947 में भारत की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। भारत और ऑस्ट्रिया के बीच 1949 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। दोनों देशों का एक दूसरे के यहां दूतावास भी है। पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्ते बेहतर हुए हैं। ऑस्ट्रिया भारत को मशीनरी, ऑटोमोटिव पार्ट्स और केमिकल एक्सपोर्ट करता है। वहीं, भारत ऑस्ट्रिया को इलेक्ट्रॉनिक्स, फुटवेयर, रबड़ के सामान, वाहन और रेलवे पार्ट्स, कपड़ा और फार्मास्यूटिकल्स का निर्यात करता है। दोनों देश क्लाइमेट चेंज और सतत विकास पर एक दूसरे के साथ खड़े नजर आते हैं।
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