इंदिरा गांधी ने बेटे संजय के मरते ही विधवा मेनका को आधी रात घर से निकाल दिया, क्यों?

नई दिल्ली। गांधी परिवार देश का सबसे बड़ा सियासी घराना माना जाता है। इसका जुड़ाव न सिर्फ कांग्रेस से बल्कि बीजेपी से भी है। कांग्रेस पर सोनिया गांधी का राज है तो वहीं मेनका गांधी अपने बेटे वरुण के साथ बीजेपी में हैं। आज जानेंगे उस रात की कहानी जब इंदिरा गांधी ने अपनी विधवा […]

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इंदिरा गांधी ने बेटे संजय के मरते ही विधवा मेनका को आधी रात घर से निकाल दिया, क्यों?

Pooja Thakur

  • September 10, 2024 9:02 am Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली। गांधी परिवार देश का सबसे बड़ा सियासी घराना माना जाता है। इसका जुड़ाव न सिर्फ कांग्रेस से बल्कि बीजेपी से भी है। कांग्रेस पर सोनिया गांधी का राज है तो वहीं मेनका गांधी अपने बेटे वरुण के साथ बीजेपी में हैं। आज जानेंगे उस रात की कहानी जब इंदिरा गांधी ने अपनी विधवा बहू को आधी रात में घर से निकाल दिया था।

राहुल जैसा नहीं रहा वरुण का बचपन

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि वरुण गांधी का जीवन राहुल जैसा नहीं रहा है। उन्होंने अपना शुरुआती जीवन कठिन हालतों में जीया। जब वो सिर्फ दो महीने के थे तो पिता संजय की मृत्यु हो गई। पारिवारिक हालात ऐसे हो गये कि इंदिरा गांधी ने घर से निकाल दिया। आखिर 28 मार्च 1982 की रात को क्या हुआ था कि देश का सबसे बड़ा सियासी परिवार दो भाग में बंट गया। इसका असर आज तक देखने को मिल रहा है। इंदिरा की विरासत राहुल को मिली लेकिन वरुण को कुछ नहीं मिला।

सास-बहू की लड़ाई सड़क पर आई

दिसंबर 1980 में संजय गांधी की विमान हादसे में मौत हो जाती है। इसके बाद गांधी परिवार में सब कुछ बदल जाता है। संजय की विरासत राजीव के हाथों में आ जाती है। इंदिरा और मेनका के बीच की लड़ाई बढ़ने लगती है। दोनों सास-बहू छोटी-छोटी बातों पर लड़ना शुरू कर देते हैं। खुशवंत सिंह ने अपनी आत्‍मकथा में बताया है कि गांधी परिवार में अनबन इतना बढ़ गया कि एक छत के नीचे गुजारा मुश्किल हो गया था।

भड़क गईं इंदिरा

स्पेनिश लेखक जेवियर मोरो की किताब The Red Sari में लिखा हुआ है कि संजय की मौत के बाद मेनका राजनीति में उनकी जगह लेने की कोशिश करने लगी। इंदिरा गांधी एक बार विदेश दौरे पर गई हुईं थीं। मेनका इसी बीच लखनऊ में एक मीटिंग की, जो इंदिरा ने करने से मना कर दिया था। इंदिरा जब 28 मार्च 1982 की सुबह लंदन से अपने आवास पर पहुंची तो मेनका उनका अभिवादन करने गई।

खाली करो घर

इंदिरा ने रात में नौकर से कह दिया कि मेनका उनलोगों के साथ डिनर नहीं करेंगी। फिर बाद में मेनका को बुलाकर अचानक घर छोड़ने के लिए कहा गया। मेनका ने मना किया कि यहां उनके पति संजय की यादें हैं वो नहीं जाएँगी लेकिन इंदिरा ने उनकी एक नहीं सुनी। किताब में लिखा हुआ है कि मेनका उस वक़्त काँप रही थीं। इंदिरा तमतमाते हुए कहती हैं कि तुम अपनी मां एक घर जाओ। सामान पहले से क्यों नहीं पैक किया। रात में वहाँ पर प्रेस जमा हो गया। इंदिरा ने पुलिस की टुकड़ियां तैनात करवा दी। इंदिरा वरुण को मेनका के साथ नहीं जाने देना चाहती थीं लेकिन वो अपने पोते को नहीं रोक पाई। मेनका को घर से एक सामान लेकर भी नहीं जाने दिया।

 

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