इमरजेंसी से जनता में काफी आक्रोश था, पहली बार कांग्रेस के हाथ से देश की सत्ता निकल गई. मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने, इंदिरा गांधी रायबरेली से और संजय गांधी अमेठी से अपनी अपनी सीट पर भी हार गए. इंदिरा की हार की खबर के बाद सोनिया की आंखों में आंसू थे और राजीव एकदम खामोश. जब इंदिरा की करीबी दोस्त पुपुल जयकर इंदिरा के घर मिलने आईं तो आलम ये था. जब वो निकलीं तो राजीव ने उन्हें रोक लिया और कही एक अहम बात वो भी काफी इमोशनल होकर
नई दिल्लीः इमरजेंसी से जनता में काफी आक्रोश था, पहली बार कांग्रेस के हाथ से देश की सत्ता निकल गई. मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने, इंदिरा गांधी रायबरेली से और संजय गांधी अमेठी से अपनी अपनी सीट पर भी हार गए. इंदिरा की हार की खबर के बाद सोनिया की आंखों में आंसू थे और राजीव एकदम खामोश. जब इंदिरा की करीबी दोस्त पुपुल जयकर इंदिरा के घर मिलने आईं तो आलम ये था. जब वो निकलीं तो राजीव ने उन्हें रोक लिया और कही एक अहम बात वो भी काफी इमोशनल होकर.
जब इंदिरा की सहेली रात को पीएम आवास 1, सफदरजंग रोड से बाहर निकलने के लिए गेट की तरफ बढ़ीं तो राजीव गांधी ने उनसे कहा, “मैं मम्मी को इस पोजीशन में लाने के लिए संजय को कभी माफ नहीं करूंगा, मैंने कई बार मम्मी को कहा कि लोग संजय के बारे में क्या क्या बात कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने कभी यकीन नहीं किया. लोगों के बीच ये अफवाह थी कि कांग्रेस अगर जीती तो संजय का होम मिनिस्टर बनना तय है और इससे वो काफी खौफ में थे और अगर ये वाकई होता तो संजय जरूर ऐसा करने की कोशिश करता.” इतना कहते कहते राजीव की आंखों में भी आंसू आ गए थे.
इधर इंदिरा परेशान थीं, रॉ चीफ आर एन कॉव की चेतावनी उनके दिमाग में थी कि उनके घर का आक्रोशित लोग घेराव कर सकते हैं, नुकसान भी कर सकते हैं। ऐसे में इंदिरा ने राजीव और सोनिया को राहुल और प्रियंका के साथ उनके दोस्तों के घर भेज दिया और खुद अकेली वहीं रुक गईं किसी खास वजह से। पूरे परिवार को सुरक्षित स्थान पर भेज कर इंदिरा गांधी अकेले पीएम आवास में क्यों रुकी रहीं? क्या थी वो खास वजह? जानने के लिए देखिए हमारा ये वीडियो शो विष्णु शर्मा के साथ.
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