नई दिल्लीः इधर कर्नाटक सीएम देवराज उर्स ने उन्हें चिकमंगलूर से लडने का न्यौता दिया, इंदिरा राजी हो गईं. मोरारजी ने इंदिरा के खिलाफ कैम्पेन करने से मना कर दिया, लेकिन जॉर्ज फर्नांडीज काफी गुस्से में थे, वो हर उस जगह पर जाकर फौरन बाद सभा करते थे, जहां इंदिरा कर चुकी होती थीं. इंदिरा के पोस्टर पर लिखा था गिव यॉर वोट टू यॉर लिटिल डॉटर. एक पोस्टर विपक्ष ने भी लगाया लेकिन भारी पड़ गया, ये पोस्टर था किंग कोबरा का.
दरअसल इस पोस्टर में इंदिरा को किंग कोबरा की तरह दिखाया गया और नीचे लिखा था कि सावधान, इस इलेक्शन के जरिए ये कोबरा अपना फन फैलाने वाला है. दूसरे पोस्टर में लोगों को कोबरा को कुचलते दिखाया गया था. लेकिन उन्हें ये अनुमान नहीं था कि कर्नाटक के उस इलाके में कोबरा की पूजा होती है, लोगों ने उस पोस्टर को धार्मिक भावनाओं के खिलाफ बताया. जिसका सीधा फायदा इंदिरा को मिला. इंदिरा की तरफ से नारा दिया गया, एक शेरनी सौ लंगूर…चिकमंगलूर चिकमंगलूर. लेकिन चिकमंगलूर की आखिरी रैली इंदिरा को छोडनी पड़ गई, उनके दोस्तों ने उनकी कार ही गायब कर दी. इंदिरा के अपने ही लोगों ने क्यों गायब कर दी इंदिरा की कार? जानने के लिए देखिए हमारा ये शो विष्णु शर्मा के साथ.
जब इंदिरा गांधी ने कहा – हथकड़ी के बिना जेल नहीं जाउंगी
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