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जब इंदिरा गांधी ने लगाया था मेनका पर पीएम हाउस की जासूसी का आरोप

एक वक्त ऐसा भी था जब इंदिरा गांधी को शक हुआ कि मेनका गांधी किसी बड़ी संस्था की जासूस हैं. वह संस्था जो सबसे पहले इंदिरा के जेहन में आई, वो थी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ. दरअसल मेनका ने जिस शख्स को अपनी मैगजीन बेची वो आरएसएस से जुड़ा था. इंदिरा को लगा कि मेनका कहीं पीएम हाउस में संघ की प्लांटेड जासूस तो नहीं.

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Indira Gandhi
  • November 15, 2017 11:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः मेनका गांधी एक मैगजीन का संचालन करती थीं, टाइटिल था सूर्या. इंदिरा की गिरफ्तारी के वक्त सूर्या के एडिटर ने फॉरेन प्रेस बुलाने में इंदिरा की काफी मदद की थी, लेकिन उसी सूर्या मैगजीन को बेचते ही इंदिरा को हुआ मेनका पर बड़ा शक. शक ये कि क्या मेनका देश की पीएम हाउस में एक बड़ी संस्था की जासूस हैं और वो संस्था थी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ. दरअसल इस शक की बड़ी वजह भी थी. दरअसल मेनका ने जिस शख्स को अपनी मैगजीन बेची वो आरएसएस से जुड़ा था. इंदिरा को लगा कि मेनका कहीं पीएम हाउस में संघ की प्लांटेड जासूस तो नहीं.

खुशवंत सिंह के मुताबिक, इंदिरा गांधी को मेनका की उपस्थिति से धीरे-धीरे चिढ़ होने लगी और वे उसके हर काम में नुक्स निकालने लगीं. इंदिरा ने खुशवंत को बताया कि जो लोग उनके साथ संवेदना प्रकट करने आते हैं, मेनका उनसे बदतमीजी से पेश आती हैं. उन्होंने खुशवंत से मेनका को व्यवहार में बदलाव लाने को भी कहा. खुशवंत सिंह ने अपनी किताब में ऐसे कई वाकयों को पेश किया है.

इंदिरा और मेनका के बीच में दरार एक और बड़ी वजह से हुई. दरअसल संजय गांधी के एक करीबी दोस्त अकबर अहमद डम्पी संजय को यूपी का सीएम बनाना चाहते थे. संजय की मौत के बाद उन्होंने संजय विचार मंच बनाया और मेनका को उससे जोड़ा. अकबर अहमद डम्पी ने मेनका को लखनऊ एक कार्यक्रम में बुलाया और भरोसा दिलाया कि 100 कांग्रेसी विधायक साथ हैं. इंदिरा को पता चला तो इंदिरा ने मेनका को साफ चेतावनी दी कि अगर लखनऊ गईं तो लौट के फिर 1 सफदरजंग रोड नहीं आना. जिसके बाद मेनका लखनऊ नहीं गईं.

तो क्या मेनका वाकई में रुक गई? जानने के लिए देखिए हमारा ये शो विष्णु शर्मा के साथ.

 

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