Advertisement
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर नौसेना में शामिल, क्यों रखा गया ‘विक्रांत’ नाम ?

पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर नौसेना में शामिल, क्यों रखा गया ‘विक्रांत’ नाम ?

नई दिल्ली. देश का पहला स्वदेशी इंडीजीनस एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत भारीतय नौसेना में शामिल हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 सितंबर को आधिकारिक तौर पर इस पोत को नौसेना को सौंपा है, ये भारत में निर्मित सबसे बड़ा युद्धपोत है. ये युद्धपोत तकरीबन 20 हजार करोड़ की लागत से बना है. विक्रांत के […]

Advertisement
INS Vikrant
  • September 2, 2022 4:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली. देश का पहला स्वदेशी इंडीजीनस एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत भारीतय नौसेना में शामिल हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 सितंबर को आधिकारिक तौर पर इस पोत को नौसेना को सौंपा है, ये भारत में निर्मित सबसे बड़ा युद्धपोत है. ये युद्धपोत तकरीबन 20 हजार करोड़ की लागत से बना है.

विक्रांत के आने से भारत भी उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिनके पास खुद एयरक्राफ्ट डिजाइन करने और निर्माण करने की क्षमता है. आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए देश का पहला आईएसी विक्रांत नौसेना को सौंपा गया है. स्वदेशी IAC Vikrant बनने में 13 साल जरूर लग गए लेकिन ये आधुनिक, ताकतवर, क्षमतावान और घातक है.

क्यों रखा गया ये नाम

इस पोत को भारतीय नौसेना के इन-हाउस डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन (DND) ने डिजाइन किया है, जबकि इसका निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है. इस पोत का नाम भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत के नाम पर रखा गया है, जिसके बाद 25 साल भारत को उसका विक्रांत वापस मिला है. दरअसल, INS विक्रांत 1997 रिटायर चुका है. जिसके साथ ही भारत के पास अभी सिर्फ एक एयरक्राफ्ट कैरियर जहाज ‘INS विक्रमादित्य’ बचा था, लेकिन अब IAC विक्रांत के आने बाद भारत के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर हो गए हैं.

क्या है इसकी खासियत

आईएसी विक्रांत का वजन 40,000 टन है और इसपर 30 फाइटर जेट्स तैनात किए गए हैं. इनमें MiG-29K, Kamov-31 और MH-60R हेलीकाप्टर भी शामिल है. इसके अलावा IAC विक्रांत में 2,300 से ज्यादा कंपार्टमेंट हैं जिसे लगभग 1700 लोगों के लिए तैयार किया है. साथ ही इसमें महिला अधिकारियों के लिए अलग से एक स्पेशल केबिन भी बनाया गया है. इसकी टॉप स्पीड 23 नॉट्स है, ये एक बार में 7500 समुद्री मील की दूरी तय कर सकता है वहीं आईएसी विक्रांत की लंबाई 262 मीटर है, जबकि इसकी चौड़ाई 62 मीटर और ऊंचाई 59 मीटर है. IAC विक्रांत का निर्माण साल 2009 में शुरू हुआ था.

आईएसी विक्रांत की असली ताकत समुद्र में सामने आती है, जहां इसकी अधिकतम स्पीड 28 नॉट्स तक है यानी करीब 51 किमी प्रतिघंटा वहीं इसकी सामान्य गति 18 नॉट्स यानी 33 किमी प्रतिघंटा तक है. यह एयरक्राफ्ट कैरियर एक बार में 7500 नॉटिकल मील यानी 13,000+ किलोमीटर की दूरी भी तय कर सकता है.

 

 

INS Vikrant: भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हुआ आईएनएस विक्रांत, PM मोदी बोले- देश में पैदा हुआ नया भरोसा

Advertisement