नई दिल्ली : इस महीने से भारत एशियाई प्रशांत डाक संघ ( Asian Pacific Postal Union, APPU) का नेतृत्व संभालेगा। डाक सेवा बोर्ड के पूर्व सदस्य (कार्मिक) विनय प्रकाश सिंह जनवरी 2023 से APPU के अगले महासचिव नियुक्त किए गए हैं. ये भारत के लिए बड़े ही गर्व की बात है. क्योंकि पहली बार कोई भारतीय एशियाई प्रशांत डाक संघ की कमान संभालने जा रहा है. आइए जानते हैं एशियाई प्रशांत डाक संघ और भारत के नेतृत्व से जुड़ी सभी बड़ी बातें.
एशियाई प्रशांत डाक संघ (एपीपीयू) एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसमें एशियाई-प्रशांत क्षेत्र के 32 सदस्यीय देश शामिल हैं.एशियाई-प्रशांत क्षेत्र में यह यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) का एकमात्र प्रतिबंधित संघ है जो संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी है. इसका मुख्यालय बैंकॉक, थाईलैंड में स्थित है.
डाक सेवाओं के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना के लिए सदस्य देशों के बीच डाक संबंधों का विस्तार,सुविधा और सुधार APPU का लक्ष्य है. एपीयूयू यह सुनिश्चित करने में भी अहम भूमिका निभाता है कि विभिन्न यूपीयू परियोजनाओं के क्षेत्रीय केंद्र के रूप में यूपीयू की सभी तकनीकी और परिचालन परियोजनाएं इस क्षेत्र में पूरी हो जाएं। इससे क्षेत्र को सर्वोत्तम संभव तरीके से वैश्विक डाक नेटवर्क में एकीकृत किया जा सकेगा.
इस साल एशियाई प्रशांत डाक संघ(एपीपीयू) के महासचिव का चुनाव 13वीं एपीपीयू कांग्रेस के दौरान हुआ था. अगस्त-सितंबर 2022 के दौरान 13वीं एपीपीयू कांग्रेस का आयोजन बैंकॉक में हुआ था. डाक सेवा बोर्ड के पूर्व सदस्य (कार्मिक) डॉ. विनय प्रकाश सिंह को इन चुनावों में सफल होने के बाद इस महीने से 4 वर्षों के कार्यकाल के लिए संघ के महासचिव का पदभार दिया गया है.
गौरतलब है कि वर्तमान में भारत G20 की अध्यक्षता कर रहा है. इस बीच यह पहली बार है कि जब कोई भारतीय शख्स डाक क्षेत्र में एक अंतरराष्ट्रीय संगठन का नेतृत्व करने जा रहा है. APPU के महासचिव की भूमिका डाक संघ के गतिविधियों का नेतृत्व करने की है. इसके अलावा महासचिव एशियन पैसिफिक पोस्टल कॉलेज (APPC) का निदेशक भी होता है. APPC की बात करें तो यह इस क्षेत्र का सबसे बड़ा अंतर सरकारी डाक प्रशिक्षण संस्थान है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि भारत APPU को अपना पूर्ण समर्थन देना जारी रखेगा. साथ ही भारत APPU सदस्यता के सामूहिक दृष्टिकोण को प्रभावी ढंग से साकार करने के लिए अपने योगदान को और मजबूत बनाएगा.
डाक नेटवर्क के माध्यम से भारत का लक्ष्य व्यापार में सुधार और संघ की स्थिरता सुनिश्चित करना होगा. इसके अलावा भारत का लक्ष्य APPC में कराए जाने वाले प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में सुधार करने के लिए एशिया प्रशांत क्षेत्र में डाक से जुड़े संस्थानों के साथ क्षेत्रीय समन्वय को सुधारना है. बता दें, पूरी दुनिया के मेल का लगभग आधा मेल एशिया प्रशांत क्षेत्र में आता-जाता है. यहां होने वाला डाक मानव संसाधन पूरी दुनिया का लगभग एक तिहाई है.
अपने देश के डाक विभाग की बात करें तो वर्तमान समय में इसमें कार्यरत कर्मचारियों की कुल संख्या 4,00,909 है, जिसमें 2,37,978 ग्रामीण डाक सेवक शामिल हैं. आम आदमी के लिए सबसे सुलभ, किफायती और भरोसेमंद बैंक की स्थापना के उद्देश्य से इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) की स्थापना की गई थी. IPPB ने 1.36 लाख से अधिक डाकघरों को बैंकिंग सेवाएं देने के योग्य बनाया है. लगभग 1.89 लाख डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों (जीडीएस) को स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक उपकरणों की तकनीक दी है.
दिल्ली का अगला मेयर, गुजरात चुनाव और फ्री रेवड़ी, मनीष सिसोदिया ने बताए सारे राज!
India News Manch पर बोले मनोज तिवारी ‘रिंकिया के पापा’ पर डांस करना सबका अधिकार
UPI ने इस साल जनवरी से नवंबर तक 223 लाख करोड़ रुपये के 15,547 करोड़…
भारती एयरटेल ने अपने यूजर्स के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए Zee5 के…
अभिषेक शर्मा को IPL 2025 से पहले पंजाब की कप्तानी सौंप दी गई है। वे…
विजय सेतुपति की फिल्म 'महाराजा' जब से चीन में रिलीज हुई है। यह फिल्म सिनेमाघरों…
यह गिरोह एक फर्जी पासपोर्ट बनवाने के लिए बांग्लादेशियों से 2-5 लाख रुपये तक लेता…
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को लेकर भारत में लोग भड़के…