नई दिल्ली। यूनाइटेड अरब अमीरात में आज यानी 27 फरवरी से शुरू हो रहा सैन्य अभ्यास 17 मार्च तक चलेगा। इस सैन्य अभ्यास को एक्स डेजर्ट फ्लैग नाम दिया गया है। इस सैन्य अभ्यास में कुल दस देश भाग लेंगे। आपको बता दें कि भारतीय वायु सेना के साथ यूएई, फ्रांस, कुवैत, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, बहरीन, […]
नई दिल्ली। यूनाइटेड अरब अमीरात में आज यानी 27 फरवरी से शुरू हो रहा सैन्य अभ्यास 17 मार्च तक चलेगा। इस सैन्य अभ्यास को एक्स डेजर्ट फ्लैग नाम दिया गया है। इस सैन्य अभ्यास में कुल दस देश भाग लेंगे। आपको बता दें कि भारतीय वायु सेना के साथ यूएई, फ्रांस, कुवैत, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, बहरीन, मोरक्को, स्पेन, दक्षिण कोरिया और अमेरिका की वायुसेना इस भाग में शामिल हैं।
यूनाइटेड अरब अमीरात में होने वाले इस सैन्य अभ्यास में भारत की तरफ से 5 (LCA ) लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस और दो बोइंग सी-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट शामिल होंगे। भारत के लिए यह युद्धाभ्यास बहुत खास है, जिसके कई कारण हैं जिसमें से एक प्रमुख कारण तेजस विमान है। भारतीय वायुसेना ने भारत में बने एलसीए तेजस फाइटर विमानों को पहली बार देश से बाहर किसी युद्धाभ्यास में शामिल किया है। भारतीय वायुसेना की मानें तो इस सैन्य अभ्यास का मकसद मिलिट्री एक्सरसाइज में शामिल होना और दुनिया की बेहतरीन वायुसेनाओं के साथ अभ्यास करना है।
तेजस लड़ाकू विमान के बारे में बात करें तो यह एक लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है, जिसे भारत की एयरोनॉटिकल डेवलोपमेन्ट एजेंसी ने हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ मिल कर वायु सेना के लिए बनाया गया है। तेजस भारत में अब तक का सबसे हल्का विमान हैं, जिसे अल्युमीनियम- लिथियम एलाय और टाइटेनियम एलाय से बनाया गया है। साथ ही इसमें कार्बन फाइबर कम्पोजिट मटेरियल का भी इस्तेमाल किया गया है। जो इसे हल्का बनाने में सहायक की भूमिका निभाती है। यह विमान आठ से नौ टन वजन लेकर उड़ान भरने में समर्थ है।
बता दें कि तेजस का नाम पूर्व मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था। जानकारी के लिए बता दें कि तेजस का अर्थ ‘चमक’ होता है। तेजस की प्रमुख खासियत उसकी तेजाई है। अपनी रफ़्तार के लिए प्रचलित यह विमान 52 हजार फीट की ऊंचाई पर 1.6 से 1.8 तक की तेजी से उड़ान भर सकता है। तेजस में कई आधुनिक उपकरण लगे हुए हैं, जिसमे इजराइल में बनाया गया रडार उपकरण शामिल है। आसमान में ही इसमें फ्यूल भरा जा सकता है और यह दुश्मन देश के रडार को प्रकाशित करने की भी शक्ति रखता है।
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