साल 2022 में दौड़ेगी भारत की पहली बुलेट ट्रेन, गुजरात के सूरत से बिलिमोरा तक चलेगी

भारत और जापान के बीच बुलेट ट्रेन चलाने को लेकर समझौता हुआ है. नरेंद्र मोदी सरकार भारत की आजादी की 75वीं वर्षगाठं यानी 15 अगस्त 2022 को देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाना चाहती है.

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साल 2022 में दौड़ेगी भारत की पहली बुलेट ट्रेन, गुजरात के सूरत से बिलिमोरा तक चलेगी

Aanchal Pandey

  • August 31, 2018 4:38 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. देश की पहली बुलेट ट्रेन साल 2022 में गुजरात के सूरत से बिलिमोरा तक चलेगी. 508 किलोमीटर लंबे बुलेट ट्रेन कॉरिडोर को पूरा करने के लिए साल 2023 का लक्ष्य रखा गया है. बुलेट ट्रेन 15 मिनट में 50 किलोमीटर की दूरी पूरी करेगी.

आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर एनडीए सरकार 15 अगस्त 2022 को देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाना चाहती है. नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन के सूत्रों ने बताया कि इस रूट को इसलिए चुना गया है, क्योंकि यह सीधा है और बाकी रूट के मुकाबले इसके निर्माण में मुश्किलें कम हैं. लेकिन भारत में जटिल जापानी तकनीक से उसी सक्षमता के साथ ट्रेन कैसे चलाई जाएंगी, जिसके लिए शिंकनसेन जानी जाती है?

आने वाली फरवरी में जो लोग बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, उन्हें भारत में जापान से ट्रेनिंग मिलने लगेगी. बुलेट ट्रेन चलाने के लिए वडोदरा में हाई स्पीड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट का निर्माण जारी है. भारत-जापान के समझौते के तहत 600 करोड़ रुपये की लागत से इंस्टिट्यूट बनाया जा रहा है. शिंकनसेन तकनीक की ट्रेनिंग के लिए लोगों की ट्रेनिंग बेहद जरूरी है, ताकि सिस्टम ठीक से चलाया जा सके. साल 2023 तक करीब 3500 लोगों को ट्रेनिंग दी जानी जरूरी है, ताकि सिस्टम शुरू किया जा सके.

जापान से अब तक करीब 1500 भारतीय अधिकारियों को शॉर्ट-टर्म ट्रेनिंग मिल चुकी है जबकि 60 को जापान में ही लॉन्ग टर्म अॉन जॉब ट्रेनिंग दी गई. लॉन्ग टर्म ट्रेनिंग के लिए अक्टूबर में अगला बैच रवाना होगा. ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में करीब 334 बिस्तर और 166 कमरे होंगे और बुलेट ट्रेन का करीब 50 मीटर ट्रैक का मॉडल भी बनाया जाएगा.

बता दें कि इस प्रोजेक्ट के तहत जापान 50 वर्षो तक 0.1 प्रतिशत के न्यूनतम ब्याज पर भारत को 88,000 करोड़ रुपये का ऋण देगा, जिसका पुनर्भुगतान 15 वर्षो के बाद शुरू होगा. लोन की पहली किश्त के रूप में 6,000 करोड़ रुपये तत्काल जारी किए जा चुके हैं, जबकि शेष हिस्सा भूमि अधिग्रहण पूरा होने के बाद जारी किया गया. इस परियोजना के लिए 825 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है. प्रोजेक्ट के तहत बारह स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं, जिनमें मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती शामिल हैं.

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