नई दिल्ली: आपने रामायण में पुष्पक विमान के बारे में जरूर सुना होगा. बता दें कि त्रेता युग में लंकापति रावण का वध करने के बाद भगवान श्री राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ पुष्पक विमान से अयोध्या लौटे थे. हालांकि अब पुष्पक विमान 21वीं सदी में फिर से आसमान में उड़ान भर […]
नई दिल्ली: आपने रामायण में पुष्पक विमान के बारे में जरूर सुना होगा. बता दें कि त्रेता युग में लंकापति रावण का वध करने के बाद भगवान श्री राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ पुष्पक विमान से अयोध्या लौटे थे. हालांकि अब पुष्पक विमान 21वीं सदी में फिर से आसमान में उड़ान भर चूका है, और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का अंतरिक्षयान ये तीसरी परीक्षण उड़ान है. स्लीक बॉडी और SUV के आकार वाले विंग्ड रॉकेट को ‘पुष्पक विमान’ नाम दिया गया है. दरअसल इसे RLV यानी री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल से लॉन्च किया जाने वाला है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा है कि “पुष्पक लॉन्च व्हीकल स्पेस तक पहुंच को यथासंभव किफायती बनाने का भारत का साहसिक प्रयास है. ये भारत का भविष्य का फ्यूचरिस्टिक री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल है, और इसका ऊपरी हिस्सा सबसे महंगा है.” बता दें कि इसमें महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स लगे हैं, इससे अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण के बाद सुरक्षित तौर पर पृथ्वी पर लौट सकेगा. साथ ही ये ये इन-ऑर्बिट सैटेलाइट और रिट्राइबिंग सैटेलाइट में री-फ्यूलिंग का काम भी संभाल सकता है. इसरो प्रमुख ने कहा कि भारत अंतरिक्ष में मलबे की मात्रा कम करना चाहता है, पुष्पक विमान इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है.” बता दें कि एक दशक के निर्माण के बाद RLV ने पहली बार 2016 में आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से उड़ान भरी थी, और ये बंगाल की खाड़ी में एक वर्चुअल रनवे पर सफलता के साथ लैंड हुआ था. साथ ही RLV कभी भी रिकवर नहीं किया जा सका, और प्लान के अनुसार ये समुद्र में समा गया था.
1. RLV एक स्वदेशी स्पेस शटल है, जो कुछ साल में हमारे एस्ट्रोनॉट्स इसके बड़े वर्जन में कार्गो डालकर अंतरिक्ष तक पहुंचा सकते हैं.
2. इसके द्वारा सैटेलाइट भी लॉन्च किए जा सकते हैं, और ये सैटेलाइट को अंतरिक्ष में छोड़कर वापस आएगा, ताकि फिर से उड़ान भर सके.
3. इसके साथ ही इससे किसी भी देश के ऊपर जासूसी करवा सकते हैं. यहां तक की हमले भी किए जा सकते हैं.
4. दरअसल ये अंतरिक्ष में ही दुश्मन की सैटेलाइट को बर्बाद भी कर सकते हैं.
5. ये एक ऑटोमेटेड रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल है, और ऐसे विमानों से डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) भी चला सकते हैं.
6. पुष्पक विमान की लंबाई 6.5 मीटर है और इसका वजन 1.75 टन है, इसे इंडियन एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से उड़ाया जाएगा.
7. इसके छोटे थ्रस्टर्स व्हीकल को ठीक उसी लोकेशन पर जाने में मदद करेंगे, जहां उसे लैंड करना है.
8. सरकार ने इस प्रोजेक्ट में 100 करोड़ रुपये से अधिक का इंवेस्टमेंट किया है, जो एक मील का पत्थर है. क्योंकि देश 2035 तक अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.