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India-China Border Issue: कमांडर लेवल पर चीन संग भारत की 18वीं मीटिंग, शांति के लिए तैयार नहीं ड्रैगन

नई दिल्ली: भारत और पड़ोसी मुल्क चीन के बीच पिछले कई सालों से मिलिट्री स्टैंड ऑफ खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इसी बीच दोनों ही देशों के मिलिट्री अधिकारीयों ने रविवार (23 अप्रैल) को 18वीं मीटिंग की है. ये कमांडर स्तर के अधिकारियों के बीच की मीटिंग थी जो पूर्वी लद्दाख सेक्टर […]

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  • April 23, 2023 10:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: भारत और पड़ोसी मुल्क चीन के बीच पिछले कई सालों से मिलिट्री स्टैंड ऑफ खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इसी बीच दोनों ही देशों के मिलिट्री अधिकारीयों ने रविवार (23 अप्रैल) को 18वीं मीटिंग की है. ये कमांडर स्तर के अधिकारियों के बीच की मीटिंग थी जो पूर्वी लद्दाख सेक्टर के चुशुल मोल्दो मीटिंग पॉइंट पर हुई.

कई महीनों बाद हुई मीटिंग

न्यूज एजेंसी एएनआई ने डिफेंस सोर्स के हवाले से बताया है कि भारत की ओर से फायर फ्यूरी कोर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राशीम बाली ने इस मीटिंग में बात रखी वहीं इसी रैंक के चीन के अधिकारी भी मीटिंग में शामिल रहे. पांच महीने के अंतराल के बाद दोनों देशों के बीच इस तरह की मीटिंग की गई. इससे पहले दोनों देशों के बीच पिछले साल दिसंबर महीने में कोर्प्स कमांडर लेवल की मीटिंग की गई थी. ख़ास बात ये है कि ये मीटिंग उस समय की जा रही है जब दोनों देश बॉर्डर से सटे इलाकों में कंस्ट्रक्शन को लेकर बहुत जोर दे रहे हैं ताकि बॉर्डर पर अपनी पोजीशन को मज़बूत किया जा सके. भारत की तरफ से डेपसांग के मैदानी इलाकों, डेमचोक और दोनों देशों के पीछे हटने का मुद्दा उठाया गया है.

इन मुद्दों पर बनी सहमति

पूर्वी लद्दाख के मुद्दे पर कोर्प्स कमांडर लेवल की यह बातचीत हल निकालने के लिए शुरू की गई थी. यहां पर चीनी आर्मी ने बॉर्डर पर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को बदलने का प्रयास किया था. जिस दौरान चीनी सैनिकों ने LOC के इस तरफ हथियारों के साथ बड़ी संख्या में आने की कोशिश की थी. साल 2020 में कोरोना काल के शुरूआती दौर में ये कोशिश देखी गई थी. हालांकि दोनों ओर से फेस ऑफ़ के बाद सैनिक अलग-अलग हो गए और नए पॉइंट्स पर चले गए ताकि फेस ऑफ़ खत्म हो सके. बातचीत के दौरान दोनों अधिकारियों की ओर से मिलिट्री और डिप्लोमेटिक चैनल के जरिए बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई गई.

इसके अलावा दोनों ओर से परस्पर स्वीकार्य हल निकालने की कोशिश किए जाने पर भी सहमति बनी. हालांकि चीनी ओर से इस मामले का हल निकालने में किसी भी तरह की जल्दबाजी नज़र नहीं आई. चीन ने पिछले कई महीनों से डेपसांग प्लेन्स में भारतीय पेट्रोलिंग को ब्लॉक किया हुआ है.

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