Indian Religious Charity: भारत में 100 रुपए सबसे कम दान में दिए जाते हैं जो भिखारियों के हिस्से आते हैं. धार्मिक संस्थानों की स्थिति इससे कहीं बेहतर रही है जिन्हें 101 रुपये से लेकर 500 रुपये तक का दान दिया जाता है।
2021-22: भारतीय लोगों द्वारा इस साल 23.7 हजार करोड़ रुपये दान देने में खर्च किए हैं। एक निजी यूनिवर्सिटी के अध्ययन में यह उजागर हुआ है कि भारतीय सबसे अधिक धार्मिक संस्थानों को दान देते हैं। इस मामले में दूसरा नंबर पर भिखारियों का है।
भारतीय लोगों को दान देने में सबसे ज्यादा प्रेरणा मिलती है, इनके अलावा आर्थिक संकट में फंसे किसी शख्स की मदद करना पारिवारिक परंपरा है। अध्ययन के मुताबिक औसत दान राशि में पहला स्थाल दक्षिण भारत है। हालांकि दान के मामले में उत्तरी भारत भाग आगे है। धार्मिक संगठनों को मिलने वाले दान बेहतर रही है।
धार्मिक संगठनों को दी गई दान करीब 6.6 हजार करोड़ रुपये रहा, इसके बाद भिखारियों का हिस्सा 2.9 हजार करोड़ रुपये रहा, परिवार और मित्रों को मिलाकर करीब 2 हजार करोड़ रुपये रहा, गैर धार्मिक संस्थाओं को 1.1 हजार करोड़ रुपये और घरेलू कर्मचारियों को 1 हजार करोड़ रुपये का दान मिला।
दान देने के लिए परिवार और दोस्तों की राय सबसे महत्वपूर्ण होती है। धार्मिक दान का 27 प्रतिशत हिस्सा इसी आधार पर दिया गया। यह खास बात है कि दान देने वाले परिवारों की संख्या के मामले में ग्रामीण भारत जो शहरों की तुलना में काफी आगे रहा है। इस सर्वेक्षण में अपने मन से दान की घटनाओं का खबर सामने नहीं आई है।
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