Indian wheat demand increased नई दिल्ली, Indian wheat demand increased यूक्रेन और रूस के युद्ध के बीच भारतीय गेहूं की मांग अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बढ़ रही है. जहां रूस और यूक्रेन से गेहूं का आयत करने वाले देशों के सामने अब भारत की एहमियत बढ़ चुकी है. क्योंकि युद्ध के बीच भारत उनका अगला निर्यातक […]
नई दिल्ली, Indian wheat demand increased यूक्रेन और रूस के युद्ध के बीच भारतीय गेहूं की मांग अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बढ़ रही है. जहां रूस और यूक्रेन से गेहूं का आयत करने वाले देशों के सामने अब भारत की एहमियत बढ़ चुकी है. क्योंकि युद्ध के बीच भारत उनका अगला निर्यातक देश बनेगा.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत के गेहूं की मांग अब बढ़ रही है. गेहूं का आयत करने वाले करीब 30 देश अपने लिए गेहूं यूक्रेन और रूस से खरीदते थे. इस दौरान जब यूए दोनों ही देश युद्ध में फंसे हैं तो भारत के गेहूं की मांग और इसका बाजार बढ़ने जा रहा है. जहाँ भारत आगे आने वाले दिनों में इन देशों को अपना गेहूं बेचने जा रहा है. रूस और यूक्रेन के तुलना में भारत पहले से ही गेहूं का काफी कमज़ोर निर्यातक देश रहा है. जहां भारत अब युद्ध के दौरान दोनों से आगे निकलने की तैयारी में है.
फिलहाल गेहूं के निर्यातक के तौर पर पूरे विश्व में यूक्रेन और रूस का ही दबदबा है. लेकिन युद्ध के बीच ये दृश्य बदल रहा है. जहां अन्य देशों में भी भारतीय गेहूं की मांग में इज़ाफ़ा होने लगा है. इन देशों की श्रेणी में मिस्र, सीरिया, मोरक्को, तुर्की, अजरबैजान, सूडान, इटली, यमन, ग्रीस और पूर्वी अफ्रीका के सभी देश शामिल हैं. ये वो देश हैं जो भारत से यदा कदा ही गेहूं खरीदते हैं.
बता दें की आज के समय में विश्व के सबसे बड़े गेहूं के आयातक देश मिस्र, इंडोनेशिया, तुर्की, चीन, नाइजीरिया, इटली, अलजीरिया, फिलीपींस, जापान, मोरक्को, ब्राजील हैं. जिसमें से भारत का गेहूं केवल बांग्लादेश, इंडोनेशिया, फिलीपींस, नाइजीरिया और जापान तक ही जाता है. फिलहाल भारत के पास इस समय इस दर्ज़े को बढ़ाने की व्यापक संभावना है. फिलहाल युद्ध के कारण अन्य देशों ने यूक्रेन और रूस से दूरी बनाई हुई है.
बता दें की बीते कुछ वर्षों में भारत के निर्यात क्षेत्र में उछाल देखा गया है. बात करें तो बीते तीन वर्षों की तो तीन वर्षों में 2,352.22 मिलियन डॉलर का गेहूं निर्यात अब तक किया गया है. इस निर्यात में चालू वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 10 महीनों को शामिल किया गया है. मालूम हो कि वर्ष 2019-20 में गेहूं का निर्यात 61.84 मिलियन डॉलर ही था जो 2020-21 में बढ़कर 549.67 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया.