58 साल से पाकिस्तानी जेल में बंद है भारतीय सैनिक, बेटे ने वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री से लगाई गुहार

नई दिल्ली: 58 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद एक भारतीय सैनिक के बेटे ने अपने पिता को वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है. भारतीय सैनिक आनंद पात्री 1965 की भारत-पाकिस्तान के युद्ध में लापता हो गए थे. बाद में उसके लाहौर जेल में बंद होने की सूचना मिली […]

Advertisement
58 साल से पाकिस्तानी जेल में बंद है भारतीय सैनिक, बेटे ने वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री से लगाई गुहार

Deonandan Mandal

  • February 26, 2023 3:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: 58 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद एक भारतीय सैनिक के बेटे ने अपने पिता को वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है. भारतीय सैनिक आनंद पात्री 1965 की भारत-पाकिस्तान के युद्ध में लापता हो गए थे. बाद में उसके लाहौर जेल में बंद होने की सूचना मिली थी।

सैनिक के बेटे बिद्याधर पात्री कहना है कि पाकिस्तानी अधिकारी साल 2007 में उनके पिता आनंद पात्री को रिहा करने वाले थे. लेकिन पाकिस्तान ने इसके लिए एक शर्त रख दी कि उन्हें एक नागरिक के तौर पर छोड़ा जाएगा, जिसे भारतीय अधिकारियों ने स्वीकार करने से मना कर दिया था.

65 साल का हो चुका बेटा

आनंद पात्री का पूरा परिवार ओडिशा के भद्रक जिले के धामनगर ब्लॉक में रहता है. उनके बेटे बिद्याधर पात्री की आयु अब 65 साल हो चुकी है. बिद्याधर ने कहा कि एक प्रकाशन के माध्यम से उन्हें पाकिस्तान की जेल में पिता के बंद होने के बारे में पता चला. आनंद पात्री पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. आनंद पात्री ने 1962 के भारत-चीन युद्ध में भी भाग लिया था.

भारत-चीन युद्ध में भी लिया हिस्सा

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता उत्तम राय ने बताया कि आनंद पात्री को भारतीय सेना में राजधानी कोलकाता से भर्ती किया गया था. पात्री ने 1962 के भारत-चीन युद्ध में भी भाग लिया. वह 1965 में हुए भारत-पाक युद्ध से ही लापता हैं. वे करीब 58 सालों से पड़ोसी देश पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. फिलहाल उनके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है लेकिन अगर वो जिंदा हैं तो 88 साल के होंगे.

इस मामले में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी बातचीत की गई थी. उत्तम राय ने बताया कि फिलहाल भारत और ओडिशा सरकार को उनकी वापसी सुनिश्चित करनी चाहिए. इसके अलावा उनके परिवार को आर्थिक सहायता भी देनी चाहिए. अगर उनकी मौत हो गई है तो पाकिस्तानी अधिकारियों को हमें उनका मृत्यु प्रमाण पत्र देना चाहिए.

बेटे ने की ये मांग

बिद्याधर पात्री भी अपने पिता की आशंका जताते हैं. उन्होंने पाकिस्तानी अधिकारियों से प्रमाण पत्र की मांग की है. उन्होंने बताया कि यदि मृत्यु हो गई है तो उनके पिता को शहीद का दर्जा दिया जाए. उन्होंने अपनी मांगों के साथ राष्ट्रपति कार्यालय को ख़त सौंपा है.

कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध

Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद

Advertisement