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इन पांच वजहों से डॉलर के सामने गिरता जा रहा है रुपया

पिछले दिनों से लगातार भारतीय रुपए की हालत अमेरिकी डॉलर के सामने खराब होती जा रही है. इन दिनों भारतीय रुपए में डॉलर के मुकाबले सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. ताजा जानकारी के अनुसार, रुपया फिसलकर अब तक सबसे निचले स्तर 70.95 पर पहुंच गया है.

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indian rupee falling down continuously against the dollar, know here the reason for indian currency downfall
  • August 31, 2018 5:13 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. अमेरिकी डॉलर के सामने भारतीय रुपए की हालत लगातार खराब होती जा रही है. जिस वजह से इन दिनों रुपए में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. वर्तमान में रुपया फिसलकर रिकॉर्ड निचले स्तर 70.95 पर आ गया है. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि डॉलर के मुकाबले रुपए में आ रही गिरावट कुछ दिनों तक जारी रह सकती है. आइए जानते हैं आखिर रुपया लगातार क्यों गिरता जा रहा है.

गौरतलब है कि डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रही रुपए की कीमत के कई कारण बताए जा रहे हैं. इन्ही में से पहला कारण जुड़ा है यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा आने वाले समय में अपनी मोनेटरी पॉलिसी (मौद्रिक नीति) में सख्ती कर यूएस की पैसे की आपूर्ति को कम करना. ऐसे में अमेरिकी पैसे की आपूर्ति कम होने की वजह से यह रुपए पर दो तरह से असर डालता है.

इसका एक असर पड़ेगा जब यूएस में ब्याज दरें बढ़ेंगी क्योंकि फेड की विभिन्न संपत्तियों की मांग गिरनी शुरू हो जाएंगी. जिससे निवेशक विश्वभर की अपनी संपत्तियों को बेचकर अमेरिका में इन्वेस्ट करेंगे, जहां से वे ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे. इससे उभरते बाजारों से अमेरिका को पूंजी मिलेगी और उभरते बजारों पर मुद्राओं से बेचकर डॉलर से खरीदने का प्रेशर बढ़ेगा.

वहीं रुपए की गिरती कीमत का दूसरा कारण बढ़ते तेल के दाम भी है. दरअसल भारत कच्चे तेल के बड़े इंपोर्ट्स में से एक है. पिछले साढ़े तीन साल से कच्चे तेल के दाम उच्चतम स्तर पर हैं और प्रति बैरल 75 डॉलर के करीब पहुंच गए हैं. ऐसे में भारत अधिक तेल इंपोर्ट करता है और उसका बिल भी डॉलर में चुकाता है.

वहीं इससे पहले तुर्की में आए आर्थिक संकट की वजह से मुसीबत खड़ी हो गई और रुपया फिसलना शुरु हो गया था जो कि लगातार गिरता जा रहा है. तुर्की की मुद्रा लिरा के कमजोर होने का असर रुपए पर भी दिखा. वैश्विक बाजार में लगातार बन रहे मुश्किल हालातों की वजह से रुपए का मजबूत होना आने वाले कुछ समय के लिए काफी मुश्किल नजर आ रहा है.

इसके साथ ही मंदी के बाद से अमेरिका की सुधरती हुई अर्थव्यवस्था ने भी भारतीय रुपए को झटका दिया है. वहीं विदेशी कंपनियों द्वारा लगातार पैसा निकालने की वजह से भी घरेलु मुद्रा प्रभावित हुई है.

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