नई दिल्ली, रूस-यूक्रेन के बीच 3 महीने से जारी युद्ध के बीच रूस ने क्रूड ऑयल को लेकर एक बड़ा ऐलान किया था. दरअसल, रूस ने कहा था कि वो क्रूड ऑयल की बिक्री ग्लोबल बेंचमार्क के मुकाबले 30 फीसदी के कम भाव से करने वाला है. इसकी वजह से भारत में भी पेट्रोल-डीजल के रेट में गिरावट आने की उम्मीद थी, लेकिन भारतीय रिफाइनरी को रूस से सस्ते क्रूड ऑयल का कुछ खास फायदा नहीं मिला, बल्कि यूरोपीय देश इसका भरपूर फायदा उठा रहे हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है.
यूक्रेन से युद्ध की शुरुआत के बाद भारत की सरकारी और प्राइवेट रिफाइनरियों ने रूस से क्रूड ऑयल का निर्यात बढ़ा दिया था, रूस इस समय ग्लोबल रेट के मुकाबले कम दर पर क्रूड ऑयल बेच रहा है. लेकिन भारत पहुंचने के बाद रूस का क्रूड ऑयल मात्र 10 डॉलर प्रति बैरल ही सस्ता पड़ रहा है. वहीं, यूरोपीय देश रूस की इस छूट का भरपूर फायदा उठा रहे हैं. दरअसल, यूरोप रूस के करीब है, जिसके चलते यूरोप का डिलीवरी कॉस्ट कम पड़ता है. वहीं, भारत को यूरोप के मुकाबले डिलीवरी के लिए अधिक खर्च करना पड़ता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस इस वक्त ग्लोबल रेट के मुकाबले 35 फीसदी के कम रेट पर क्रूड ऑयल बेच रहा है, इसके बावजूद भी भारतीय रिफाइनरियों को रूस से क्रूड ऑयल मंगाने के लिए शिपिंग और इंश्योरेंस कॉस्ट के रूप में बड़ी रकम का भुगतान करना पड़ता है. रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वजह से शिपिंग और इंश्योरेंस कॉस्ट की कीमत में उछाल आया है. साथ ही कच्चे तेल का कारोबार करने वाले व्यापारियों ने अपना मार्जिन कॉस्ट भी बढ़ा दिया है, जिसके चलते भारतीय रिफाइनरी को ग्लोबल बेंच मार्क की तुलना में क्रूड ऑयल सिर्फ 10 डॉलर प्रति बैरल ही सस्ता पड़ रहा है.
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