Indian Railway Train Privatisation, Railway ka Nijikaran: तेजस एक्सप्रेस का संचालन आईआरसीटीसी के हाथों में देने के बाद भारतीय रेलवे देश के करीब 2 दर्जन रूटों पर ट्रेनों का निजीकरण करने पर विचार कर रहा है. रेलवे बोर्ड ने 27 सितंबर को 8 जोन के मैनेजर की अहम बैठक बुलाई है. इस बैठक में देश के प्रमुख इंटरसिटी, ओवरनाइट जर्नी रूटों के अलावा सब-अर्बन ट्रेनों को भी प्राइवेट हाथों में देने पर विचार किया जाएगा.
नई दिल्ली. लखनऊ-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस को निजी हाथों में देने के बाद भारतीय रेलवे दूसरी अन्य पैसेंजर ट्रेनों का संचालन भी निजी सेक्टर में देने पर विचार कर रहा है. इसके लिए रेलवे बोर्ड ने सभी 8 जोन के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेशन मैनेजर की बैठक बुलाई है. यह बैठक शुक्रवार 27 सितंबर को होगी जिसमें ट्रेनों के निजीकरण को लेकर चर्चा की जाएगी. इस बैठक में रेलवे देश के 2 दर्जन से ज्यादा रूटों पर संचालित ट्रेनों का निजीकरण करने पर बातचीत होने की संभावना है.
इन इंटरसिटी रूटों पर हो सकता है ट्रेनों का निजीकरण-
मुंबई-अहमदाबाद, मुंबई-पुणे, मुंबई-औरंगाबाद, मुंबई-मडगांव, दिल्ली-चंडीगढ/अमृतसर, दिल्ली-जयपुर-अजमेर, हावड़ा-पुरी, हावड़ा-टाटा, हावड़ा-पटना, सिकंदराबाद-विजयवाड़ा, चेन्नई-बेंगलुरु, चेन्नई-कोयंबटूर, चेन्नई-मदूरै, एरनाकुलम-त्रिवेंद्रम
ओवरनाइट और लंबी दूरी के इन रूटों पर प्रस्तावित ट्रेनों का निजीकरण-
दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-लखनऊ, दिल्ली-जम्मू-कटरा, दिल्ली-हावड़ा, सिकंदराबाद-दिल्ली, हैदराबाद-दिल्ली, दिल्ली-चेन्नई, मुंबई-चेन्नई, हावड़ा-चेन्नई, हावड़ा-मुंबई
इसके अलावा मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और सिकंदराबाद में मौजूद सब-अर्बन यानी लोकल ट्रेनों के रूट को भी निजी हाथों में देने का विचार किया जा रहा है. 27 सितंबर को होने वाली रेलवे बोर्ड की बैठक में इन रेलवे रूट्स पर ट्रेनों के निजीकरण पर मुहर लग सकती है.
गौरतलब है कि दिल्ली से लखनऊ के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस देश की पहली निजी ट्रेन होगी. पिछले दिनों रेलवे ने तेजस एक्सप्रेस का संचालन आईआरसीटीसी के हाथों में दिया था. तेजस एक्सप्रेस मंगलवार को छोड़कर हफ्ते में 6 दिन दोनों शहरों के बीच चलेगी. इसका संचालन 5 अक्टूबर से शुरू होगा.