नई दिल्लीः भारतीय रेलवे जल्द ही दो नई हाई स्पीड ट्रेन लाने जा रही है. मोदी सरकार की योजनाओं में से एक ‘मेक इन इंडिया’ के तहत ‘ट्रेन 18’ और ‘ट्रेन 20’ नाम की ये ट्रेनें शताब्दी और राजधानी ट्रेन को रीप्लेस करेंगी. इन दोनों को इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) चेन्नई में विकसित किया जा रहा है. ये दोनों ट्रेनें देश की अब तक की सबसे हाई स्पीड ट्रेनें होंगी. इसकी बॉडी पूरी तरह कंपनमुक्त होगी. इस प्रोजेक्ट के लिए रेल मंत्रालय 120 करोड़ रुपए जारी कर चुका है. इन ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 176 किमी प्रतिघंटा होगी.
इन दोनों ट्रेनों में से ‘ट्रेन 18’ को इस साल पटरी पर उतारा जाएगा. बता दें कि यह ट्रेन 2018 में चलेगी इसलिए इस ट्रेन का नाम ‘ट्रेन 18’ रखा गया है. वहीं ‘ट्रेन 20’ साल 2020 में चलेगी जिसके चलते इस ट्रेन का नाम ‘ट्रेन 20’ रखा गया है. शाही सफर की शौक रखने वाले यात्रियों के लिए ‘ट्रेन 18’ और ‘ट्रेन 20’ एक अच्छा विकल्प है. आईएसएफ के जीएम सुधांशु मणि ने बताया कि ‘ट्रेन 18’ शताब्दी को और ‘ट्रेन 20’ राजधानी को स्टेपवाइज रिप्लेस करेंगी. एक ट्रेन 2018 में चलेगी वहीं दूसरी ट्रेन 2020 में लॉन्च की जाएगी.
मेक इन इंडिया के तहत बनने वाला देश का पहला ट्रेन सेट
मेक इन इंडिया के तहत बनने वाला देश का पहला ट्रेन सेट यानी ट्रेन 18 (train 18) इसी साल अगस्त सितम्बर से पटरी पर दौड़ सकती है,इसके पहले रैक को चेन्नई के रेल कोच फैक्टरी ICF 15 जून 2018 तक बना कर तैयार कर देगा जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और शताब्दी ट्रेन को रिप्लेस करेगा क्योंकि इसमें सिर्फ सिटींग की सुविधा होगी.
देश की पहली ट्रेन सेट ट्रेन 18 (train 18) 15 जून 2018 तक बनकर तैयार हो जाएगा जो मेट्रो की तरह होगा, सभी कोचेज फुल्ली AC एक दूसरे से इंटर कनेक्टेड होंगे।इतना ही नहीं, हर दो कोच के बाद एक मोटरराइज्ड कोच होगा। इसके जनरल मैनेजर के मुताबिक, इसकी बॉडी स्टेनलेस की होगी। ये यूरोपियन स्टैंडर्डस का होगा.इसके इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल डिज़ाइन खुद ICF के इंजीनियर ने तैयार किया है और बॉडी का डिज़ाइन यूरोपियन कंसल्टेंसी ने किया है. इसे अमलीजामा पहनाने के लिए फरवरी से फिजिकली तौर पर शुरू हो जाएगा.
ये ट्रेन सेट (train 18) शताब्दी ट्रेन की तरह होगा यानी इसमें सिर्फ बैठने की सुविधा होगी।ट्रेन 18 सिर्फ चेयर कार होगी. लेकिन, इसमें शताब्दी की तुलना में काफी ज्यादा और बेहतर सुविधाएं होगी ताकि आपका सफर ज्यादा आरामदेह हो सके। इस ट्रेन सेट के लिए रेल मंत्रलाय ने दो रैक्स बनाकर देने को कहा है. इसे बना रहे चेन्नई स्थित कोच फैक्ट्री ICF के मुताबिक इसका पहला रैक यानी पहली ट्रेन 18 के 16 डिब्बे का होगा जो सभी सेफ्टी नॉर्म्स की परीक्षा में 100फीसदी पास होते हुए इसी साल अगस्त सितम्बर में दिल्ली डिवीज़न में दौड़ सकती है जो शताब्दी ट्रेन को रिप्लेस करेगी. इसके हर कोच की लागत तक़रीबन साढ़े 5 करोड़ रुपये आएगी.
ये तमाम सुविधाएं मुहैय्या कराने का दावा है-
*वाई फाई
*LED लाइट
*Defuse लाइट जो बिना किसी दूसरे पैसेंजर को तंग किये कुछ पढ़ सकते हो.
*एयर कंडीशन इम्प्रूव्ड
*फ्लाइट की तर्ज पर आरामदेह सीट
*PIS(पैसेंजर इनफार्मेशन सिस्टम)
*कोच की दीवार Fibre rain force glass का होगा.
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