नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अगस्त, 2024 को दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर पोलैंड पहुंचे। वारसॉ में होटल पहुंचते ही पीएम मोदी ने वहां मौजूद भारतीय समुदाय का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरे की खासियत यह है कि पिछले 45 सालों में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली पोलैंड यात्रा है। आइए जानते हैं, इस दौरे में मोदी का क्या एजेंडा है और भारत को इससे क्या हासिल होगा।
पोलैंड, मध्य यूरोप में भारत का प्रमुख आर्थिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच लोकतंत्र और बहुलवाद की समान प्रतिबद्धता है, जो उनके रिश्तों को और भी मजबूत करती है। पीएम मोदी ने कहा, “मैं इस यात्रा के दौरान अपने मित्र, प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मुलाकात कर, द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए उत्साहित हूं।”
इंडो-पॉलिश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (IPCCI) के अध्यक्ष जेजे सिंह ने इस दौरे को व्यापारिक रिश्तों के लिहाज से बेहद अहम बताया है। उन्होंने कहा, “45 साल बाद भारतीय प्रधानमंत्री का पोलैंड दौरा हो रहा है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और गेमिंग इंडस्ट्री में दोनों देश आगे हैं, जिससे भविष्य में सहयोग की संभावनाएं हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी 21 अगस्त को पोलैंड पहुंचे। इसके बाद वे 23 अगस्त को एक दिवसीय यात्रा पर यूक्रेन जाएंगे। यह दौरा राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के निमंत्रण पर हो रहा है और किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला यूक्रेन दौरा होगा। मोदी कीव पहुंचने के लिए पोलैंड से ट्रेन के जरिए 10 घंटे का सफर करेंगे।
पीएमओ के मुताबिक, इस यात्रा से भारत-यूक्रेन संबंधों में नया आयाम जुड़ने की संभावना है। दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, शिक्षा, संस्कृति और मानवीय सहायता के क्षेत्र में चर्चा होगी, जिससे भविष्य में दोनों देशों के संबंध और मजबूत हो सकते हैं।
भारत ने पहले भी रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति का समर्थन किया है। इस दौरे के जरिए भारत-यूक्रेन दोस्ती को नई ऊंचाई मिल सकती है। साथ ही, व्यापारिक रिश्तों को भी नया बल मिलेगा। पीएम मोदी की इस यात्रा का उद्देश्य सिर्फ राजनीतिक चर्चा ही नहीं, बल्कि व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा के दौरान वारसॉ में मोंटे कैसिनो की लड़ाई के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। पीएम नरेंद्र मोदी का पोलैंड और यूक्रेन दौरा सिर्फ 45 साल बाद का ऐतिहासिक कदम नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के साथ भारत के संबंधों को और भी गहरा और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
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