नई दिल्ली. राहुल गांधी के विश्वासपात्र सैम पित्रोदा ने बालाकोट हवाई हमले में मरने वालों की संख्या पर सवाल उठाया है. उन्होंने पाकिस्तान को बेकसूर बताया है और उस पर एयर स्ट्राइक की बात गलत बताई है. सैम पित्रोदा राजीव गांधी के करीबी रहे हैं और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख हैं.
अपने इस बयान पर वो चारों और से घिरने लगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें दवाब देते हुए कहा कि सैम पित्रोदा ने भारतीय सैन्यबल को नीचा दिखाया है. इस पर सैम पित्रोदा ने सफाई पेश की है. उन्होंने दोबारा बयान देते हुए कहा कि मैंने एक नागरिक की हैसियत से सवाल किया था. उन्होंने कहा, मैंने सिर्फ एक नागरिक के रूप में कहा कि मैं यह जानने का हकदार हूं कि क्या हुआ. मैं पार्टी की तरफ से नहीं, सिर्फ एक नागरिक के रूप में बोल रहा हूं. मुझे यह जानने का अधिकार है कि इसमें क्या गलत है?
उन्होंने कहा, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि यहां विवाद क्या है, मैं प्रतिक्रिया देख कर चकित हूं. लोग भारत में तुच्छ मामलों पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं. यह पूरी तरह से तुच्छ मामला है. एक नागरिक सिर्फ एक सवाल पूछ रहा है. मैंने सिर्फ एक नागरिक के रूप में कहा कि मैं यह जानने का हकदार हूं कि क्या हुआ.
सैम पित्रोदा ने कहा, हमलों के बारे में ज्यादा नहीं जानता. ऐसा हर समय होता है. मुंबई में भी हमले हुए. हम तब भी प्रतिक्रिया दे सकते थे और अपने विमानों को भेज सकते थे. लेकिन यह तरीका सही नहीं है. मेरे हिसाब से दुनिया के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, आठ लोग (26/11 आतंकवादी) आते हैं और कुछ करते हैं, आप पूरे देश (पाकिस्तान) में नहीं कूदते हैं. यह माना जाता है कि कुछ लोग यहां आए और हमला किया तो उस राष्ट्र का प्रत्येक नागरिक दोषी है. मैं इस तरह की सोच नहीं रखता.
सैम पित्रोदा ने पुलवामा हमले के बाद हुई एयर स्ट्राइक पर कहा, मैं और अधिक जानना चाहूंगा. जैसा कि मैंने न्यूयॉर्क टाइम्स और अन्य अखबारों में पढ़ा है, हमने वास्तव में क्या हमला किया, हमने वास्तव में 300 लोगों को मार डाला? उन्होंने कहा, यदि आप कहते हैं कि 300 लोग मारे गए थे, तो हम सभी को यह जानने की जरूरत है, सभी भारतीयों को यह जानना होगा. इसके बाद वैश्विक मीडिया का कहना है कि कोई भी मारा नहीं गया था, इस कारण मैं एक भारतीय नागरिक के रूप में गलत प्रतीत होता हूं.
सैम पित्रोदा ने बीजेपी के दावे पीएम मोदी मजबूत सरकार का प्रतीक हैं के बारे में भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा, भारत को फैसला करना होगा, मजबूत होना जरूरी नहीं है कि लोकतंत्र के लिए अच्छी बात है. हिटलर भी बेहद मजबूत था, सभी तानाशाह मजबूत हैं, चीनी नेता बहुत मजबूत है, क्या भारत भी यही चाहता है?
सैम पित्रोदा ने पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी के बारे में कहा, मैं केवल यही कहता हूं कि घटना आधारित राजनीति का कोई मतलब नहीं है. नीरव मोदी एक घटना है. मैं पूरे दृष्टिकोण के बारे में बात कर रहा हूं जो ये बताता है कि हम कैसा राष्ट्र बनाना चाहते हैं.
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