एयरलाइंस कंपनियों की मनमानी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने एविएशन सेक्टर में बड़े बदलाव की घोषणा की है. दरअसल सरकार ने एक ड्राफ्ट चार्टर तैयार किया है. जिसके तहत सरकार हवाई यात्रा करने वाले लोगों को कई सौगातों की घोषणा की है. हालांकि, इस ड्राफ्ट पॉलिसी को लेकर सभी पक्षों से राय मांगी गई है. नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया है कि इस नई नियमावली को यात्रियों के परामर्श के लिए 30 दिन तक खुला रखा जाएगा. अगले दो महीनों में इन प्रस्तावों को लागू किया जा सकता है.
नई दिल्ली. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एविएशन सेक्टर में बड़े बदलाव की घोषणा की है. केंद्र सरकार ने इस मामले में एक ड्राफ्ट चार्टर तैयार किया है. नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि सरकार हवाई यात्रा करने वाले लोगों को अब पेपरलेस यात्रा के लिए ‘डिजियात्रा’ की शुरूआत करने जा रही है. इसके तहत आपको पहचान पत्र के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा. इसके साथ ही सरकार फ्लाइट को टिकट को कैंसिल करने पर वसूल की जाने वाली राशी में भी बड़ी राहत पहुंचाने की तैयारी कर रही. ऐसे में अगर 24 घंटों के अंदर आप अपना टिकट कैंसिल कर देते हैं तो आपसे इसके एवज में कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा.
मिली जानकारी के मुताबिक, जयंत सिन्हा ने आगे बताया कि अगर आप तय सीमा के भीतर टिकट में बदलाव करते हैं तो उसके लिए अब कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा. आपको बता दें कि वर्तमान में अगर फ्लाइट टिकट कैंसिल कराते हैं तो इसके एवज में हमें शुल्क चुकाना होता है, जो फिलहाल काफी ज्यादा है. इसके साथ ही अगर फ्लाइट में देरी होती है तो इसके लिए एयरलाइन्स कंपनियों को यात्रियों को हर्जाना देना होगा. इसके साथ ही अगर फ्लाइट अगले दिन भी लेट है तो बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के होटल में यात्रियों के होटल में ठहरने का प्रबंध कराने का प्रावधान भी जोड़ा गया है.
वहीं अगर इस ड्रॉफ्ट पॉलिसी के अनुसार कनेक्टिंग फ्लाइट मिस होती है तो भी एयरलाइन्स को इसका हर्जाना देना होगा. वहीं अगर फ्लाइट के ज्यादा देरी से उड़ने की वजह से आप टिकट कैंसिल कराना चाहते हैं तो पूरा पैसा आपको वापस मिलेगा. यात्रा समय के 96 घंटे पहले तक टिकट कैंसिल करने पर कोई चार्ज नहीं देना होगा. इसके साथ ही दिव्यांग यात्रियों के लिए इस ड्राफ्ट में विशेष प्रावधान किए गए हैं. वहीं पेपरलेस सफर की सुविधा देने के लिए घरेलू हवाई यात्रियों को एक यूनिक नंबर दिया जाएगा. एयरपोर्ट परिसर में जाने के बाद यह नंबर बताना होगा, जिससे यात्रियों का काफी समय बचेगा. गौरतलब है कि इस ड्राफ्ट पॉलिसी को लेकर सभी पक्षों से राय मांगी गई है. इस नई नियमावली को यात्रियों के परामर्श के लिए 30 दिन तक खुला रखा जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले दो महीनों के भीतर इन सभी प्रस्तावों को लागू किया जा सकता है.
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