सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने दो दिन पहले ही कहा था कि हमारी प्राथमिकता आतंकियों को जिंदा पकड़ने की होती है. लेकिन जब आतंकी किसी घर में घुस जाते हैं तो कैजुअल्टीज भी हो जाती है. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान लगातार आतंकी भेजता ही रहेगा. आप जितने भी आतंकी मारोगे वो और भेज देगा. इसके लिए हमने निर्धारित किया है कि पाकिस्तान की उन पोस्ट को निशाना बनाया जाए जहां से घुसपैठ होने की संभावना होती है.
नई दिल्ली. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद खत्म करने के लिए सेना का ऑप्रेशन जारी रहेगा. उन्होंने राज्य में शांति कायम करने के की बात करते हुए कहा कि इसके लिए राजनीतिक पहल के साथ सैन्य ऑप्रेशन भी जारी रहना चाहिए. सेना प्रमुख ने कहा कि सीमा पार से आतंकवाद रोकने के लिए सैन्य कार्रवाई के साथ पाकिस्तान पर भी दबाव बनाया जाना चाहिए. सेना प्रमुख ने कहा कि एक साल पहले जब उन्होंने पद संभाला था उसकी तुलना में आज हालात बेहतर हुए हैं.
एक विशेष साक्षात्कार के दौरान सेना प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मौजूद सशस्त्र बल वर्तमान स्थिति में ही बने नहीं रह सकते. उन्हें हालात का सामना करने के लिए नई रणनीति और युद्ध नीति विकसित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पहल और दूसरे सभी उपाय साथ-साथ चलने चाहिए और जब हम सभी मिलकर काम करेंगे तभी कश्मीर में शांति स्थापित हो सकती है. राज्य में शांति स्थापित करने के लिए हमें राजनीतिक-सैन्य अप्रोच अपनाने की जरूरत है. अपने बयान में सेना प्रमुख ने साफ संकेत दिया कि सेना आतंकवाद से सख्ती से निपटने की अपनी नीति पर चलती रहेगी.
अक्टूबर में IB के पूर्व प्रमुख रह चुके दिनेश्वर शर्मा को जम्मू-कश्मीर में सभी पक्षों से बातचीत करने के लिए वार्ताकार नियुक्त करने को लेकर उन्होंने कहा कि जब सरकार ने अपना वार्ताकार नियुक्त किया था तब इसका एक मकसद था. वह सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर कश्मीर के लोगों तक अपनी बात पहुंचाएंगे और लोगों की शिकायतें देखेंगे जिन्हें राजनीतिक स्तर से सुलझाया जा सके. कश्मीर में आतंकियों को भेजने से रोकने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाने की जरूरत के सवाल पर उन्होंने कहा कि हां इसकी जरूरत है.
अभी हाल ही में सेना प्रमुख ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर खरी-खरी सुनाई थी. उन्होंने कहा था कि भारतीय सेना का नजरिया यह सुनिश्चित करना रहा है कि उसे दर्द का अहसास हो. इसके अलावा उन्होंने कश्मीर में आतंकवाद खत्म करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता के बारे में भी जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि सेना की प्राथमिकता आतंकियों को जिंदा पकड़कर उनको राह पर लाने की होती है लेकिन कई बार हमें गोलीबारी करनी पड़ती है. पिछले साल 39 आतंकी जिंदा पकड़े गए थे.