नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड के दौरान भारतीय वायु सेना के विमान तंगैल फॉर्मेशन से उड़ान भरेंगे. बता दें कि भारतीय वायुसेना ने घोषणा कर ये जानकारी दी है कि वायु सेना हेरिटेज विमान डाकोटा और दो पारंपरिक विमानों, डकोटा और डीओ-228 डोर्नियर का उपयोग करने वाले है. विमान जेट ईंधन और […]
नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड के दौरान भारतीय वायु सेना के विमान तंगैल फॉर्मेशन से उड़ान भरेंगे. बता दें कि भारतीय वायुसेना ने घोषणा कर ये जानकारी दी है कि वायु सेना हेरिटेज विमान डाकोटा और दो पारंपरिक विमानों, डकोटा और डीओ-228 डोर्नियर का उपयोग करने वाले है. विमान जेट ईंधन और जैव ईंधन के मिश्रण वाले ईंधन पर उड़ान भरेंगे.
1971 के भारत और पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने बांग्लादेश के तंगैल इलाके में एक विशेष अभियान चलाया, और इस ऑपरेशन की बदौलत पाकिस्तान को बांग्लादेश से खदेड़ दिया. साथ ही भारत की जीत पक्की हो गई, और ये ऑपरेशन तंगैल, जिसमें भारतीय सेना की पूरी टुकड़ी को बांग्लादेश के तंगैल में हवाई मार्ग से उतारा गया था. हालांकि तंगैल में जमना नदी पर एक पुल था, जो ढाका जाने से का रास्ता था, और भारतीय सेना ने इस पुल पर पाकिस्तानी सैनिको पर हमला बोल दिया. इसके बाद इस पुल को बर्बाद कर दिया गया.
बता दें कि जब 1971 में भारत और पाकिस्तान की लड़ाई छिड़ी हुई थी,तो पाकिस्तान की सेना ने ढाका को कब्जाने के मकसद से हजारों की संख्या में अपने सैनिकों की ढाका की तरफ रवाना किया गया था, और इसमें भारतीय सेना को इसकी भनक लगी तो लेफ्टिनेंट कर्नल कुलदीप सिंह पन्नू की अगुवाई में भारतीय सेना के पैराट्रूपर्स की एक बटालियन ने तंगैल में एयरड्रॉप कर दिया गया.साथ ही इस ऑपरेशन के द्वारा भारतीय वायुसेना के 52 विमानों से करीब 700 पैराट्रूपर्स हवाई जहाजों से कूदे थे, और जवानों के हथियारों और वाहनों को भी एयर ड्रॉप किया गया था.
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