India vs Pakistan in UNHRC Session, Bharat Or Pakistan UNHRC me honge Aamne Saamne, Kashmir Mudde par hogi Baat: भारत और पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 42 वें सत्र में हिस्सा ले रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को लताड़ा जा रहा है. यूएनएचआरसी में भारत-पाकिस्तान का भी आमना-सामना हो सकता है जिसमें कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर बात हो सकती है. कई देश इस मामले में भारत के साथ खड़े हैं.
नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान दोनों के प्रतिनिधि वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 42 वें सत्र में भाग ले रहे हैं जो कल यानि 9 सितंबर से जिनेवा में शुरू हुआ है. यहां कश्मीर मुद्दे पर चर्चा हो रही है और यहां बताया गया है कि कैसे भारत यूएनएचआरसी में पाकिस्तान का सामना करने के लिए तैयार है, जबकि पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर अधिकांश सदस्य देशों का समर्थन नहीं मिल रहा है.
13 सितंबर तक चलने वाले सत्र में, भारत के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत, राजीव कुमार चंदर और अजय बिसारिया करेंगे, जो पाकिस्तान में पूर्व भारतीय दूत हैं. जबकि, पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व उसके विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी करेंगे. भारत के अनुच्छेद 370 और 35A को निरस्त करने और कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद कश्मीर में मानवाधिकारों का मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है. इसने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) नामक कश्मीर के एक हिस्से पर पाकिस्तान के दावे पर सवाल उठाया है.
दोनों देशों ने मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया हैय वर्तमान में, भारत को इस मुद्दे पर अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस सहित देशों का समर्थन प्राप्त हैय अधिकांश देशों ने कहा है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है. हालांकि, भारत ने सभी 47 सदस्य देशों के साथ संपर्क किया है और इस मामले के बारे में बात की है और उनमें से अधिकांश से समर्थन की उम्मीद कर रहा है. हालांकि, दूसरी तरफ, किसी भी देश ने इस मामले पर पाकिस्तान का खुलकर समर्थन नहीं किया है. इससे #PakCorneredOnKashmir ट्रिगर हो गया है.
पाकिस्तान को सबसे बड़ा झटका लगा जब इस्लामिक कांफ्रेंस (ओआईसी) ने खुले तौर पर इसका समर्थन नहीं किया. यहां तक कि चीन ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय चर्चा होनी चाहिए. भारत यह कहता रहा है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है, लेकिन पाकिस्तान उसी पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने और भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. कई देशों ने कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय करार दिया है, यह वास्तव में पाकिस्तान के लिए एक झटका है और ऐसा लगता है कि इस मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा पाकिस्तान पर नकेल कसी गई है.