साधु-संतों के आगे झुकी उत्तराखंड की धामी सरकार, देवस्थानम बोर्ड किया भंग

उत्तराखंड. Devasthanam Board Dissolved उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने त्रिवेंद्र सरकार के फैसले को पलटते हुए  देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का ऐलान किया है| लम्बे समय से हो रहा था विरोध बता दें कि 2 साल पहले त्रिवेंद्र सरकार के समय में चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अस्तित्व में आया था जिसके […]

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साधु-संतों के आगे झुकी उत्तराखंड की धामी सरकार, देवस्थानम बोर्ड किया भंग

Aanchal Pandey

  • November 30, 2021 3:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

उत्तराखंड. Devasthanam Board Dissolved उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने त्रिवेंद्र सरकार के फैसले को पलटते हुए  देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का ऐलान किया है|

लम्बे समय से हो रहा था विरोध

बता दें कि 2 साल पहले त्रिवेंद्र सरकार के समय में चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अस्तित्व में आया था जिसके बाद से इस बोर्ड का विरोध हो रहा था और इसी के साथ तीर्थ पुरोहित इसे भंग करने की मांग पर आंदोलन भी कर रहे थे। इतना ही नहीं माना जाता है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की विदाई देवस्थानम बोर्ड को लेकर साधु संतों की नाराजगी की वजह से हुई।

2020 जनवरी में किया था गठन

आपको बता दें कि देवस्थानम बोर्ड का गठन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साल 2020 में जनवरी महीने में किया था इस बोर्ड के गठन के जरिए 51 मंदिरों का नियंत्रण राज्य सरकार के पास आ गया था जिसे लेकर तीर्थ पुरोहितों में नाराजगी जाहिर की और इस फैसले को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए थे।

प्रधानमंत्री के केदारनाथ दौरे पर विरोध

साल 2021 के जुलाई के महीने में पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री का पद दिया गया था और उन्होंने तीर्थ-पुरोहित आन्दोलनरत लोगों की मांग पर एक कमेटी का गठन किया था और उसकी रिपोर्ट के आधार पर फैसला लेने का वादा किया था। जिसमे 2 महीने की देरी हो गयी। नवंबर के महीने में देवस्थानम बोर्ड के तीर्थ-पुरोहितो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ के दौरे पर विरोध किया था लेकिन धामी के समझाने के बाद तीर्थ-पुरोहित मान गए थे।

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