‘बालाकोट जैसा सबक सिखाए भारत’-चीन पर भड़के अजमेर दरगाह के दीवान

अजमेर। अरूणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प पर अजमेर के सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने बड़ा बयान दिया है। उन्होने भारत सरकार से अपील की है कि चीन को बालाकोट जैसा सबक सिखाया जाए। […]

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‘बालाकोट जैसा सबक सिखाए भारत’-चीन पर भड़के अजमेर दरगाह के दीवान

Vaibhav Mishra

  • December 14, 2022 12:13 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

अजमेर। अरूणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प पर अजमेर के सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने बड़ा बयान दिया है। उन्होने भारत सरकार से अपील की है कि चीन को बालाकोट जैसा सबक सिखाया जाए। उन्होंने कहा कि चीन आए दिन भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश करता रहता है, उसे सबक सिखाना जरूरी है।

भारतीय सेना पर गर्व है

दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख ने आगे कहा कि भारत हमेशा से ही अपने पड़ोसी देशों के साथ शांति और मधुर संबंध पर जोर देता रहा है। लेकिन पड़ोसी इसे भारत की कमजोरी ना समझे। उन्होंने कहा कि चीन हो या कोई भी देश, भारत अपनी सीमाओं की रक्षा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

रक्षा मंत्री ने संसद में दिया बयान

अरूणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सैनिकों से हुई झड़प पर मंगलवार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में बयान दिया। उन्होंने बताया कि इस झड़प में एक भी सैनिक शहीद नहीं हुआ है। इस दौरान दोनों सदनों में विपक्ष ने जबरदस्त हंगामा किया।

अतिक्रमण करने से रोका

तवांग में हुए झड़प पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने बहादुरी से PLA को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें उनकी केंद्र पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया। इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आईं। रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि 9 दिसंबर 2022 को PLA गुट ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में, LAC पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया। चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया। इस झड़प में हाथापाई हुई।

किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं

राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि इस घटना के पश्चात क्षेत्र के स्थानीय कमांडर ने 11 दिसंबर 2022 को अपने चीनी समकक्ष के साथ स्थापित व्यवस्था के तहत एक फ्लैग मीटिंग की और इस घटना पर चर्चा की। मैं इस सदन को यह बताना चाहता हूं कि हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। भारतीय सैन्य कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण PLA सैनिक अपने स्थानों पर वापस चले गए।

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