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नरेंद्र मोदी सरकार के लिए खुशखबरी, तीसरी तिमाही में 7.2% रही जीडीपी, चीन को पछाड़ नंबर वन बना भारत

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष (2017-18) की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही.

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GDP of india
  • February 28, 2018 9:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. मध्य प्रदेश और ओडिशा में हुए उपचुनावों में हार मिलने के बाद अर्थव्यवस्था के मोर्च पर नरेंद्र मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर आई है. भारत ने एक बाद फिर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल करते हुए चीन को पीछे छोड़ दिया है. बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष (2017-18) की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही. ये आंकड़े दिखाते हैं कि इस तिमाही में अर्थव्यवस्था पांच तिमाहियों में सबसे तेजी से बढ़ी है. सरकार ने अपने 2017-18 जीडीपी विकास का अनुमान 6.5 प्रतिशत से पहले 6.6 प्रतिशत करने के लिए संशोधन किया था. इस अवधि के दौरान जीडीपी विकास दर ने कई विशेषज्ञों के अनुमानों को मात दे दी. रॉयटर्स के 35 अर्थशास्त्रियों ने अनुमान जताया था कि आंकड़ा 6.9 प्रतिशत रहेगा.

लेकिन मोदी सरकार के लिए चिंता का सबब है कि राजकोषीय घाटे ने पूरा खेल बिगाड़ दिया है और यह पूरे साल के बजटीय लक्ष्य का 113.7 फीसदी तक पहुंच गया है. राष्ट्रीय आय के दूसरे अग्रिम अनुमानों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2017-18 की जीडीपी स्थिर (2011-12) कीमतों के आधार पर 130.04 लाख करोड़ रुपये रहेगी. जबकि वित्त वर्ष 2016-17 का पहला संशोधित अनुमान 121.96 लाख करोड़ रुपये था, जिसे 31 जनवरी 2018 को जारी किया गया था.

वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में यह 7.1 फीसदी था. सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि देश के जीडीपी के तिमाही आंकड़ों में वृद्धि विनिर्माण क्षेत्र में तेजी लौटने से आई है, जो 8.1 फीसदी रही. उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि जीडीपी की रफ्तार को तीसरी तिमाही में विनिर्माण, निर्माण और कृषि क्षेत्र का साथ मिला है, जो अर्थव्यवस्था की रंगीन तस्वीर पेश कर रहे हैं.

एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा, “तीसरी तिमाही में जीडीपी की 7.2 फीसदी वृद्धि दर निवेश, विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र में सुधार को इंगित करता है और इससे अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की अच्छी रफ्तार रहने की उम्मीद जगी है और वित्त वर्ष 2017-18 में अधिक तेजी देखने को मिलेगी.”

देश के आठ प्रमुख उद्योगों के उत्पादन में जनवरी में 6.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जो 2017 के दिसंबर में 4 फीसदी थी तथा पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 3.4 फीसदी थी.वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा, “आठ प्रमुख उद्योगों (ईसीआई) का संयुक्त सूचकांक जनवरी में 133.1 रहा, जोकि साल 2017 के जनवरी की तुलना में 6.7 फीसदी अधिक है.”

हालांकि, वित्त वर्ष 2017-18 की अप्रैल-जनवरी अवधि में देश का राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य के 113.7 फीसदी तक पहुंच गया है. महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-जनवरी की अवधि में राजकोषीय घाटा 6.77 लाख करोड़ रुपये रहा, जोकि पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 113.7 फीसदी है. समीक्षाधीन अवधि में सरकार का पूंजीगत व्यय 2.64 लाख करोड़ रुपये रहा. आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन अवधि में राजकोषीय घाटा 4.8 लाख करोड़ रुपये रहा.

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