नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्रालय ने रविवार को हरदीप सिंह निज्जर को लेकर आई एक रिपोर्ट का खंडन किया है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि नई दिल्ली ने पश्चिमी देशों में सिख प्रवासी संगठनों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए उत्तरी अमेरिका में स्थित वाणिज्य दूतावास को एक गुप्त मेमो भेजा था.
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को फर्जी बताया है. साथ ही कहा है कि ऐसा कोई मेमो नहीं भेजा गया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोशल मीडिया प्लेटफटर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर अप्रैल महीने में मीडिया के सवालों को दिया जवाब भी साझा किया है.
जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह भारत के खिलाफ एक निरंतर दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा है. यह आउटलेट पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की ओर से फैलाई गए फर्जी खबरों को प्रचारित करने के लिए जाना जाता है. इसके राइटर्स की पोस्ट इसकी पुष्टि करते हैं. मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया है कि जो भी लोग ऐसी फर्जी खबरों को बढ़ावा देते हैं वे इससे अपनी विश्वसनीयता खोते हैं.
बता दें कि हाल ही में जारी हुई इंटरसेप्ट रिपोर्ट में दावा किया गया था कि नई दिल्ली ने अप्रैल 2023 में उत्तरी अमेरिका में स्थित वाणिज्य दूतावास को एक गुप्त मेमो जारी किया था. जिसमें कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर समेत कई सिख अलगावादियों की सूची थी. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि ये मेमो वैंकूवर में हरदीप सिंह निज्जर के मर्डर से दो महीने पहले भेजा गया था.
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