नई दिल्ली. जम्मू कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए 40 सीआरपीएफ जवानों की मौत का बदला लेते हुए भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर एयर स्ट्राइक कर दी. भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के कई ठिकाने बर्बाद हो गए. 1 दिन नहीं बीता कि पाकिस्तानी आर्मी के 3 विमान भारतीय एयर स्पेस में घुस गए. भारतीय वायुसेना ने इस घुसपैठ के जवाब में 2 मिग- 21 और 3 सुखोई- 30 विमान भेजे. मिग के पायलट ने पाकिस्तानी विमान एफ-16 को मार गिराया. इस दौरान हमारा एक प्लेन क्रैश हो गया जिसके पायलट एयरफोर्स विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तान ने बंदी बना लिया. लेकिन गुरुवार को पाकिस्तान की सदन में पीएम इमरान खान ने ऐलान किया कि शुक्रवार को वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को वाघा बोर्डर के जरिए भारत वापस भेज दिया जाएगा.
इससे पहले बुधवार को पाकिस्तानी विमानों के भारतीय एयर स्पेस में घुसपैठ के कुछ देर बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बयान दिया था कि जंग कोई मसले का हल नहीं है और पाकिस्तान भारत से बातचीत चाहता है. दूसरी ओर पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने भी शांति और जंग न लड़ने की बात कही. इमरान खान ने कहा कि वे पुलवामा जांच के लिए तैयार हैं. हालांकि दोनों ने युद्ध होने पर भारत को देख लेने की गीदड़ भभकी भी दी लेकिन दोनों के बयानों से साफ जाहिर हो रहा था कि इमरान खान का न्यू पाकिस्तान भारत के साथ युद्ध नहीं चाहता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि हमेशा नापाक हरकतें करने वाला पाकिस्तान अब क्यों हिंदुस्तान के साथ युद्ध के नाम पर थर-थर कांपने लगा है.?
डूबती जा रही है पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की नैय्या
पाकिस्तान में कभी आर्मी की हुकूमत रही तो कभी राजनीति की गद्दियों पर बैठकर देश चला है. इसी वजह से साल 2018 के आम चुनावों तक पाकिस्तान की अर्थव्यव्स्था की कमर टूट चुकी थी. इस हालात में पाकिस्तानी जनता ने पीटीआई चीफ इमरान खान पर विश्वास जताकर प्रधानमंत्री बनाया. ये वही इमरान खान हैं जो पहले पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के मशहूर खिलाड़ी रह चुके हैं. राजनीति में शुरूआती दौर ही इमरान खान नए पाकिस्तान की बात करते थे. ऐसे में जब उनकी पार्टी को आम चुनाव में जीत मिली तो लोगों ने ”इमरान खान का न्यू पाकिस्तान” नारा लगाना शुरू कर दिया. पीएम बनते ही इमरान खान पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी थी पाकिस्तान की डूबती अर्थव्यवस्था.
जीत से पहले इमरान खान ने कहा कि वे 6 महीनें में सब ठीक कर देंगे. हालांकि ऐसा संभव नहीं हो सका. अभी तक के कार्यकाल में इमरान खान ने सरकार के खर्चों पर भी कटौती की. लेकिन वे भी जानते हैं कि इन छोटी-मोटी कटौतियों से चीन का कर्जा नहीं उतर सकता है. इसलिए इमरान खान अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए पूरी कोशिशों में लगे हुए हैं. अब जब देश में पहले से ही इतनी अंदरुनी परेशानियां चल रही हो, ऐसे में पाकिस्तान का भारत से युद्ध भविष्य में उसकी पूरी तरह से बर्बादी का संकेत दे रहा है. खास बात है कि ये बात सिर्फ पाकिस्तानी पीएम ही नहीं पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर भी बड़ी अच्छी तरह से समझते हैं.
पहले भी पाकिस्तान को कई बार धूल चटा चुका भारत
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति पहली बार पैदा नहीं हुई है. इससे पहले भी पाकिस्तान भारत से कई युद्ध हार चुका है. पाकिस्तान को भारतीय सैन्य ताकत की बहुत अच्छे से समझ भी है. साल 1971 में हुए दोनों देशों के युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को अपनी ताकत का लोहा मनवाया था. जिसके बाद भारत पाकिस्तान को छोटे-छोटे झटके देता रहा और फिर हुआ साल 1999 का करगिल वॉर. यह वह समय था जब पाकिस्तान सेना ने एलओसी क्रोस कर जम्मू कश्मीर के करगिल जिले में घुसपैठ की कोशिश की. और दोनों देशों के युद्ध छिड़ गया. यहां भी पाकिस्तान को भारत से मुंह की खानी पड़ी. ये बात सिर्फ आप ही नहीं इमरान खान और पाकिस्तानी आर्मी चीफ भी काफी अच्छे से समझते हैं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे भारत के मजबूत रिश्ते
युद्ध करने से पाकिस्तान के घबराने का कारण सिर्फ अर्थव्यवस्था या हार का डर ही नहीं, भारत के इंटरनेशनल लेवल पर दूसरे देशों से हो रहे मजबूत रिश्ते भी है. चाहे पाकिस्तान कितना खुद को बचाए लेकिन पूरी दुनिया जानती है कि वह आतंकवाद को पनाह देता है. सिर्फ भारत ही नहीं अमेरिका, फ्रांस, इजरायल, ब्रिटेन, रूस जैसे कई देश भी इस मामले में पाकिस्तान के खिलाफ हैं. कई विदेशी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में बातचीत भी की है. पाकिस्तान बहुत अच्छे से समझता है कि बेवक्त भारत से पंगा लेना उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है. पुलवामा हमले के बाद से अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप समेत इन सभी देशों के प्रमुखों ने भारत का साथ दिया. इसे देखकर पाकिस्तान का डर और ज्यादा बढ़ गया.
इमरान खान का “न्यू पाकिस्तान” भी हो सकती है एक वजह
इस सबसे अलग, पाकिस्तान के पीछे हटने का एक कारण पीएम इमरान खान का ”न्यू पाकिस्तान” का स्लोगन भी है. जैसा मैंने आपको ऊपर बताया, पाकिस्तान में जबसे इमरान खान की सरकार आई, तब से न्यू पाकिस्तान के नारे जोरों पर हैं. पूर्व क्रिकेटर इमरान खान नवाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी की तरह राजनीति की बातें करते हैं तो अपने देश के युवाओं से कुछ अलग और नया करने का वादा भी करते हैं. जब से इमरान खान ने सियासत संभाली है, तब से वे पिछले नेताओं से कुछ अलग करने में लगे हुए हैं. हाल ही में दिए अपने हर बयान में इमरान ने साफ किया है कि वो जंग नहीं चाहते हैं. भारत उनके साथ बातचीत करे. हो सकता है कि पिछले काफी समय से पाकिस्तान पर आतंकवाद के आरोप लगते आ रहे हैं जिससे पाकिस्तान के न्यू पीएम छुटकारा चाहते हैं. खैर पाकिस्तान का जंग से घबराने का अब कारण कोई भी हो, लेकिन अगर पाकिस्तान चाहता है युद्ध हो तो भारतीय सेना एक बार फिर 1971 और 1999 की तरह मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है.
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