India News Jan Ki Baat Opinion Poll: असम विधानसभा चुनाव 2021 की तारीखों के एलान के साथ ही चुनावी चुनावी सरगर्मियां तेज हो चली हैं. सीएए-एनआरसी विवाद के बाद पहली बार असम में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं जिसको लेकर असम विधानसभा चुनाव और भी दिलचस्प हो गया है. इंडिया न्यूज-जन की बात ने असम में सबसे बड़ा ओपिनियन पोल किया है जिससे ये जानने की कोशिश की गई है कि असम की जनता के मन में आखिर क्या चल रहा है.
नई दिल्ली. असम विधानसभा चुनाव 2021 की तारीखों के एलान के साथ ही चुनावी चुनावी सरगर्मियां तेज हो चली हैं. सीएए-एनआरसी विवाद के बाद पहली बार असम में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं जिसको लेकर असम विधानसभा चुनाव और भी दिलचस्प हो गया है. इंडिया न्यूज-जन की बात ने असम में सबसे बड़ा ओपिनियन पोल किया है जिससे ये जानने की कोशिश की गई है कि असम की जनता के मन में आखिर क्या चल रहा है. इंडिया न्यूज-जन की बात के ओपिनियन पोल के मुताबिक असम में बीजेपी गठबंधन को 40.50 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है जबकि कांग्रेस गठबंधन 42.50 वोट ला सकती है. वहीं अन्य के खाते में 17 फीसदी वोट जाने का अनुमान है.आपको बता दें कि इंडिया न्यूज-जन की बात की टीम ने 1 से 20 मार्च तक ग्राउंड सर्वे किया जिसमें ये नतीजे सामने आए.
भाजपा असम विधानसभा चुनाव (एजीपी) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के साथ गठबंधन में असम विधानसभा चुनाव लड़ रही है, जो नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) – एनडीए की क्षेत्रीय शाखा का हिस्सा हैं.
जबकि, कांग्रेस ने एआईयूडीएफ, बीपीएफ, सीपीआई, सीपीआई(एम), सीपीआई(एमएल) , आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम), आरजेडी और जिमोचन पीपल्स पार्टी के साथ एक ‘महागठबंधन’ बनाया है.
भाजपा 60 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, जबकि उसके सहयोगी असोम गण परिषद (एजीपी) और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) क्रमशः 14 और 12 सीटें हासिल करने में सफल रहे। सत्तारूढ़ डिस्पेंस ने यहां तक कि एक निर्दलीय विधायक का समर्थन किया था.
असम में विधानसभा की कुल 126 सीटें हैं. यहां पर तीन चरणों में चुनाव होगा। पहले चरण में 27 मार्च को , दूसरे चरण में एक अप्रैल और तीसरे एवं अंतिम चरण में छह अप्रैल को मतदान होगा। चिकन नेक कहे जाने वाले असम की बात करें तो बीजेपी शासित असम की 126 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहा है. 2016 के विधानसभा चुनावों के रिजल्ट पर गौर करें तो एनडीए को 86, यूपीए को 26 और 13 सीटें एआईयूडीएफ को मिली थी.