नई दिल्लीः भारत और मालदीव के बीच जारी विवाद में चीन ने दखल दे दिया है। यह पहला मौका नहीं जब चीन दो देशों के बीच हो रहे तनाव पर अपना टांग अड़ाया हो। इससे पहले भी चीन भारत-पाकिस्तान विवाद को लेकर बीच में दखलअंदाजी करता रहा है। अब ताजा में भारत-मालदीव विवाद पर चीन […]
नई दिल्लीः भारत और मालदीव के बीच जारी विवाद में चीन ने दखल दे दिया है। यह पहला मौका नहीं जब चीन दो देशों के बीच हो रहे तनाव पर अपना टांग अड़ाया हो। इससे पहले भी चीन भारत-पाकिस्तान विवाद को लेकर बीच में दखलअंदाजी करता रहा है। अब ताजा में भारत-मालदीव विवाद पर चीन ने अपने सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के जरिए अपनी बात रखी है।
अपने सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के जरिए चीन ने कहा कि हमेशा मालदीव को एक समान साझेदार माना है और उसकी संप्रभुता का सम्मान किया है। चीन ने कहा कि वह मालदीव और भारत के बीच दोस्ताना और सहयोगात्मक संबंधों का भी सम्मान करता है। इसके साथ ही कहा कि वह माले के लिए नई दिल्ली के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के महत्व से पूरी तरह वाकिफ है।
चीन ने कहा कि कभी भी चीन और भारत के बीच विवादों के कारण माले से नई दिल्ली को अस्वीकार करने के लिए नहीं कहा है न ही वह मालदीव और भारत के बीच संबंध को अनफ्रेंडली या खतरे के रूप में देखता है। चीन ने कहा कि वह भारत और मालदीव के बीच त्रिपक्षीय सहयोग करने का भी इच्छुक है
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी पिछले हफ्ते लक्ष्यद्वीप दौरे पर गए थे। जहां से उन्होंने समुद्र किनारे का फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किया और साथ ही लोगों से यहां आकर घूमने की अपील की थी। जिसके बाद मालदीव के मंत्रियों ने पीएम मोदी का मजाक बनाया था। वहीं विवाद बढ़ता देख मालदीव सरकार ने अपमानजनक बयान देने वाले मंत्री मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महजूम माजिद को सस्पेंड कर दिया था। इसके अलावा रविवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने मालदीव के उच्चायोग को तलब किया था।