Immigration and Foreigners Bill 2025: लोकसभा ने आज एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘आव्रजन और विदेशी विधेयक 2025’ (इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल) को मंजूरी दे दी. यह विधेयक देश में विदेशियों के प्रवेश, निवास और यात्रा से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल, पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से लाया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से उनके सहयोगी गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इसे लोकसभा में पेश किया. चर्चा के दौरान शाह ने इसे देश की सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया.
चर्चा के दौरान अमित शाह ने साफ कहा ‘भारत कोई धर्मशाला नहीं है जहां कोई भी आकर बस जाए.’ उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत उन लोगों का स्वागत करता है जो पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य या व्यवसाय के लिए आते हैं और देश के विकास में योगदान देते हैं. लेकिन जो लोग जैसे रोहिंग्या या बांग्लादेशी सुरक्षा के लिए खतरा बनते हैं. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. शाह ने कहा ‘यह विधेयक उन लोगों की पहचान करने में मदद करेगा जो बुरे इरादों के साथ भारत आते हैं.’
इस विधेयक में आजादी से पहले के चार कानूनों- पासपोर्ट (एंट्री इन इंडिया) एक्ट 1920, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट 1939, फॉरेनर्स एक्ट 1946 और इमीग्रेशन (कैरियर्स लायबिलिटी) एक्ट 2000 को शामिल कर एक आधुनिक ढांचा तैयार किया गया है. शाह ने बताया कि इन पुराने कानूनों में कई प्रावधान आपस में टकराते थे. जिन्हें हटाकर इसे सरल बनाया गया है. गृह मंत्रालय ने तीन साल की गहन मेहनत और मंथन के बाद इस विधेयक को अंतिम रूप दिया.
शाह ने कहा कि यह विधेयक न केवल अवैध प्रवास को रोकेगा बल्कि देश की ब्रांडिंग, रोजगार के अवसर और जीडीपी बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाएगा. इसके प्रावधानों में डेटा और दस्तावेजों का बेहतर प्रबंधन शामिल है जो विदेशियों के अवैध रहने को रोकने में मदद करेगा. उन्होंने भारतीयों का उदाहरण देते हुए कहा कि विदेशों में बसे भारतीयों ने वहां सकारात्मक प्रभाव छोड़ा है और भारत को भी ऐसा कानूनी ढांचा चाहिए जो योगदान देने वालों का स्वागत करे.