नई दिल्ली: भारत लोकतंत्र, कानून के शासन और अर्थशास्त्र में विश्व में अग्रणी है. वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में शामिल हुए दुनिया भर के शीर्ष नेताओं ने भारत की खूब सराहना की और इसे निवेश के लिए एक महान देश बताया है. बता दें कि वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का 10वां संस्करण 10 से 12 […]
नई दिल्ली: भारत लोकतंत्र, कानून के शासन और अर्थशास्त्र में विश्व में अग्रणी है. वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में शामिल हुए दुनिया भर के शीर्ष नेताओं ने भारत की खूब सराहना की और इसे निवेश के लिए एक महान देश बताया है. बता दें कि वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का 10वां संस्करण 10 से 12 जनवरी 2024 तक गांधीनगर, गुजरात में आयोजित किया जा रहा है. एस्टोनिया के अर्थशास्त्र और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री तिइत रीसालो ने कहा “हम यहां उन देशों और क्षेत्रों के साथ काम करने के लिए हैं जो लोकतंत्र, कानून के शासन और बाजार अर्थव्यवस्था के मूल्यों को शेयर करते हैं”.
भारत अगले कुछ सालों में तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगी. भारत फिलहाल दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है. हमारे यहां अतिथि देवो भवः होता है. उन्होंने कहा कि अपनी स्थापना के बाद से पिछले 20 सालों में, वाइब्रेंट गुजरात के शिखर सम्मेलन ने नए विचारों को एक मंच दिया है और निवेश तथा रिटर्न के लिए नए रास्ते खोले हैं. मोरक्को के व्यापार और उद्योग मंत्री रियाद मेजौर ने गुजरात शिखर सम्मेलन में कहा कि भारत ऑटोमोबाइल विनिर्माण में दुनिया का सबसे अच्छा और सबसे प्रतिस्पर्धी देश है. उन्होंने मोरक्को और भारत के बीच सहयोग बढ़ाने का भी सुझाव दिया, जिससे न केवल अफ्रीका और भारत में बल्कि दुनिया भर में विकास को बढ़ावा मिल सकता है.
ब्रिटिश विदेश मंत्री तारिक अहमद ने कहा कि सम्मेलन वैश्विक निवेश आकर्षित करने में एक मास्टर क्लास की तरह होगा. बता दें कि ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक का स्वागत करते हुए उन्होंने ये भी कहा कि भले ही दोनों देश भौगोलिक रूप से हजारों किलोमीटर दूर हैं, लेकिन हमारे लोगों के बीच गर्मजोशी एक विशाल दूरी तक फैले एक जीवित पुल की तरह है, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और ब्रिटेन के बीच मानवीय गर्मजोशी के जीवंत पुल को फिर से परिभाषित किया है.
भारत-संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ग्रिड कनेक्टिविटी समझौते पर क्वात्रा ने कहा कि ये समझौता गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली और अबू धाबी के बीच संपन्न कुल चार समझौतों में से एक था. भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) सभी देशों के लिए भारत के साथ काम करने के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करता है. साथ ही वाइब्रेंट राज्य गुजरात में दुनिया भर से कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति भारत के विकास में इसके महत्व और भूमिका को दर्शाती है. -वी मुरलीधरन, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री.