India-Finland Virtual Summit: . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत ने कोविड -19 महामारी के दौरान घरेलू और दवाओं की वैश्विक आवश्यकता और अन्य आवश्यक चीजों का ध्यान रखा है। इंडिया-फिनलैंड वर्चुअल समिट में बोलते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले साल 150 से अधिक देशों में दवाइयां और अन्य आवश्यक चीजें भेजीं। उन्होंने कहा कि हाल के सप्ताहों में, मेड इन इंडिया के 58 मिलियन से अधिक खुराक लगभग 70 देशों में पहुंच गए।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत ने कोविड -19 महामारी के दौरान घरेलू और दवाओं की वैश्विक आवश्यकता और अन्य आवश्यक चीजों का ध्यान रखा है।
इंडिया-फिनलैंड वर्चुअल समिट में बोलते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले साल 150 से अधिक देशों में दवाइयां और अन्य आवश्यक चीजें भेजीं। उन्होंने कहा कि हाल के सप्ताहों में, मेड इन इंडिया के 58 मिलियन से अधिक खुराक लगभग 70 देशों में पहुंच गए। बता दें कि फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन के साथ हुई वर्चुअल समिट में पीएम से सभी बाते कही। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच ये पहली वार्ता हुई थी।
प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि फिनलैंड और भारत दोनों एक नियम-आधारित, पारदर्शी, मानवीय और लोकतांत्रिक वैश्विक व्यवस्था में विश्वास करते हैं। दोनों देशों का प्रौद्योगिकी, नवाचार, स्वच्छ ऊर्जा, पर्यावरण और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में मजबूत सहयोग है।
मोदी ने कहा कि भारत ने अक्षय ऊर्जा में 20Summit30 तक 450 गीगावाट स्थापित क्षमता को लक्षित किया है। प्रधान मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा निवारण के लिए गठबंधन जैसी पहल की गई है।
मोदी ने फिनलैंड से आईएसए और सीडीआरआई दोनों से जुड़ने का आग्रह करते हुए कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय संस्थान फिनलैंड की क्षमता और विशेषज्ञता से लाभान्वित होंगे।
मोदी यह जानकर खुश थे कि दोनों देशों ने आईसीटी, मोबाइल प्रौद्योगिकी और डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में एक नई साझेदारी की घोषणा की है।
हमनें प्रकृति के साथ किया अन्याय
इस समिट में एक पल ऐसा भी आया जब पीएम मोदी ने क्लाइमेट चेंज और इसके होने वाले दुष्प्रभाव को बेहद आसान शब्दों में फिनलैंड की पीएम के सामने रखा। उन्होंने कहा कि वो अक्सर अपने मित्रों और साथियों के साथ मजाक में कहते हैं कि हमनें प्रकृति के साथ इतना अन्याय किया है और प्रकृति इतने गुस्से में है कि आज हम सभी मानवजात को, हमको मुंह दिखने लायक रखा नहीं है। इसलिए हम सभी को अपने मुंह पर मास्क बांध कर, अपना मुंह छिपा कर घूमना पड़ रहा है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि भारत ने इस दिशा में क्या कुछ प्रयास किए हैं।