पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक 2022 में भारत का आखिरी स्थान, पाकिस्तान और बांग्लादेश भी आगे

नई दिल्ली, भारत एक बार फिर पूरी दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों की सूची में जगह बना चुका है. भारत ने पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक 2022 में 180 देशों की सूची में सबसे नीचे जगह बनाई है. हालांकि पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक 2022 की इस सूची को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने बुधवार को पूरी तरह से खारिज […]

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पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक 2022 में भारत का आखिरी स्थान, पाकिस्तान और बांग्लादेश भी आगे

Riya Kumari

  • June 8, 2022 7:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, भारत एक बार फिर पूरी दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों की सूची में जगह बना चुका है. भारत ने पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक 2022 में 180 देशों की सूची में सबसे नीचे जगह बनाई है. हालांकि पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक 2022 की इस सूची को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने बुधवार को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. जहाँ मंत्रालय का कहना है कि सूचकांक में उपयोग किए गए सूचक, अनुमानों व अवैज्ञानिक तरीकों पर आधारित हैं. मंत्रालय ने इस सूचकांक को लेकर जारी किये गए अपने बयान में कहा है, ”हाल ही में जारी पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (EPI) 2022 में कई सूचक निराधार मान्यताओं पर आधारित हैं. प्रदर्शन का आंकलन करने के लिए उपयोग किए गए कुछ सूचक अनुमानों व अवैज्ञानिक तरीकों पर आधारित हैं।”

भारत सबसे निचले स्थान पर

हाल ही में येल एजुकेशन की ओर से साल 2022 के लिए पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (EPI इंडेक्स) जारी किया गया है. इस सूचकांक में भारत को सबसे निचले स्थान पर जगह दी गई है. येल के पर्यावरण कानून और पॉलिसी सेंटर और अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान सूचना नेटवर्क केंद्र, कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित किया गया यह सूचकांक जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन, पर्यावरणीय स्वास्थ्य एवं पारिस्थितिक के महत्व को लेकर में देशों की परख के लिए 11 श्रेणियों में 40 प्रदर्शन सूचकों का इस्तेमाल करता है. जहां इस सूची में 180 देशों में भारत सबसे निचले स्थान पर है.

ये देश भारत से आगे

इस सूचकांक की बात करें तो इसमें पहले स्थान पर डेनमार्क और दूसरे स्थान पर ब्रिटेन को रखा गया है. जहां तीसरा स्थान फिनलैंड और चौथा माल्टा को दिया गया है. देखने वाली बात यह है कि इस सूची में भारत के कई पड़ोसी देश उससे आगे दिखाई दे रहे हैं. जिनमें भारत से पहले नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश, सऊदी और म्यांमार जैसे देशों का नाम है. बता दें, इस सूची में सभी देशों को क्लाइमेट चेंज, बायोडाइवर्सिटी, फिशरीज, हवा की गुणवत्ता, कचरा प्रबंधन और स्वच्छ पानी, जलसंसाधन और कृषि को आधार बनाकर नंबर दिए गए हैं.

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