India Corona Update: भारत में 90 प्रतिशत से ज्यादा पात्र लोगों ने नहीं लगवाया बूस्टर डोज

नई दिल्ली। कोरोना के वैक्सीनेशन को लेकर हैरान कर देने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान समय में 92% भारतीय जो कोरोना वैक्सीन की तीसरी, या बूस्टर खुराक के लिए पात्र हैं, उन्होंने अभी तक ये वैक्सीन नही लगवाया है। 92% पात्र लोगों ने नहीं लिया बूस्टर डोज कोरोना वायरस अभी भी […]

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India Corona Update: भारत में 90 प्रतिशत से ज्यादा पात्र लोगों ने नहीं लगवाया बूस्टर डोज

SAURABH CHATURVEDI

  • July 14, 2022 9:26 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। कोरोना के वैक्सीनेशन को लेकर हैरान कर देने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान समय में 92% भारतीय जो कोरोना वैक्सीन की तीसरी, या बूस्टर खुराक के लिए पात्र हैं, उन्होंने अभी तक ये वैक्सीन नही लगवाया है।

92% पात्र लोगों ने नहीं लिया बूस्टर डोज

कोरोना वायरस अभी भी भारत के अंदर तेजी से पांव पसार रहा है। प्रत्येक दिन देश के अंदर 10 हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीं इसके बावजूद वैक्सीनेशन को लेकर एक हैरान कर देने वाले आंकड़ा सामने आ रहा हैं। जारी रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा वक्त में 92% भारतीय जो कोरोना वैक्सीन की तीसरी, या बूस्टर डोज लेने के लिए पात्र हैं, उन्होंने अभी तक ये वैक्सीन नहीं लिए हैं। वहीं पिछले बुधवार को सरकार द्वारा राष्ट्रीय 75-दिवसीय मुफ्त टीकाकरण अभियान का ऐलान किया गया है। इससे पता चलता है कि ये टीकाकरण अभियान देश के लिए कितना महत्वपूर्ण है। पूर्ण संख्या में, भारत में लगभग 594 मिलियन वयस्क लोग बूस्टर डोज लेने में देर कर चुके हैं।

सरकार द्वारा कराया गया था निःशुल्क टीकाकरण

एक्सपर्ट के अनुसार केंद्रीय कैबिनेट द्वारा निःशुल्क टीकाकरण अभियान चलाने के फैसले से इन आंकड़ों में और भी कमी आ सकती है। निशुल्क वैक्सीनेशन का यह फैसला सरकार द्वारा सभी वयस्कों के लिए कोविड -19 के खिलाफ टीकों की बूस्टर खुराक जारी करने के ठीक 95 दिन के बाद लिया गया है।

आंकड़ो में आ सकती है कमी

बता दें कि हाल के दिनों में जनता के बीच बूस्टर को आगे बढ़ाने के लिए यह दूसरी बड़ी नीतिगत घोषणा है। बीते 6 जुलाई को सरकार ने दूसरी खुराक और बूस्टर खुराक के बीच के अंतर को 6 से 9 महीने तक कम करने की घोषणा की थी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आकड़ों पर नजर डालने से लगता है कि बूस्टर डोज का मुफ्त टीकाकरण करने पर आंकड़ों में बहुत कमी आ सकती है।

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