India Clears To Pakistan,Talk and Terror Can't Go Together: भारत-पाकिस्तान विदेश मंत्रियों की बैठक और बातचीत रद्द किए जाने को लेकर आज भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से आज एक बयान जारी करते हुए कहा गया कि आतंकवाद और बातचीत एकसाथ संभव नहीं हैं इसलिए जब तक पाकिस्तान अपनी आतंकी हरकतों पर विराम नहीं लगाता तब तक उससे कोई बात नहीं की जाएगी.
नई दिल्ली. India Clears To Pakistan,Talk and Terror Can’t Go Together: भारत-पाकिस्तान विदेश मंत्रियों की बैठक और बातचीत रद्द किए जाने को लेकर आज भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से आज एक बयान जारी करते हुए कहा गया कि आतंकवाद और बातचीत एकसाथ संभव नहीं हैं इसलिए जब तक पाकिस्तान अपनी आतंकी हरकतों पर विराम नहीं लगाता तब तक उससे कोई बात नहीं की जाएगी.
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक स्पोकस्परसन रवीश कुमार की तरफ से आज एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि मुझे भारत-पाकिस्तान के बीच ट्रैक 1 या ट्रैक 1.5 बातचीत या मीटिंग की कोई जानकारी नहीं है. हमने यह पहले ही साफ कर दिया है कि आतंकवादी गतिविधियों के साथ-साथ कोई भी बातचीत पाकिस्तान के साथ नहीं की जाएगी और इसी वजह से दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच प्रस्तावित बातचीत को रद्द करना पड़ा.
I'm not aware of any proposal for track 1 or track 1.5 dialogue or a meeting between India&Pakistan. We've very clearly mentioned that talks&terror can't go together. That was one of the reasons why scheduled meeting between 2 foreign ministers was cancelled: Raveesh Kumar, MEA pic.twitter.com/SfoaKHPshQ
— ANI (@ANI) October 18, 2018
The onus is on Pakistan to take credible steps & create conducive comditons for such talks which of course means taking action against terrorists infrastructure which operates from its soil: Raveesh Kumar, MEA pic.twitter.com/UJXdhmGGfY
— ANI (@ANI) October 18, 2018
आज एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए रवीश कुमार ने कहा कि यह पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि अगर वह बातचीत चाहता है तो पहले उसेअपनी मिट्टी पर पनप रहे आतंकवादी गतिविधियों पर विराम लगाए अन्यथा भारत उसके साथ कोई बातचीत नहीं करेगा.हालिया समय में सीमा पर भारतीय सैनिकों के साथ की गई बर्बरता के बाद से ही भारत ने अपना रुख साफ कर दिया था. पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के साथ संबंध सुधारने पर जोर दिया था लेकिन इस प्रकार की घटना के बाद भारत ने यह साफ कर दिया था कि आतंकवाद संबंधी घटनाओं के बंद होने के बाद ही कोई बात पाकिस्तान के साथ की जाएगी.