लद्दाख: लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है. इस बीच खुलासा हुआ है कि इस झड़प से कुछ दिन पहले ही चीन ने अपनी माउंटेन डिविजन और मार्शल आर्ट में माहिर हत्यारों को सीमा के नजदीक तैनात किया था. चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार, पीएलए के इस डिवीजन में तिब्बत के स्थानीय मार्शल आर्ट क्लब से भर्ती किए गए लड़ाकों के अलावा चीनी सेना के नियमित सैनिक भी शामिल थे.
चीन अपने आक्रामक रवैये और विस्तारवादी नीतियों के कारण एशिया में घिरता जा रहा है. भारत और चीन के बीच लद्दाख में तनाव चरम पर है, वहीं पूर्वी चीन सागर में द्वीपों को लेकर ड्रैगन का जापान से भी विवाद है. इस बीच भारतीय और जापानी नौसेना ने हिंद महासागर में चीन के बढ़ते खतरों से निपटने के लिए संयुक्त युद्धाभ्यास किया है.
पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना से हिंसक झड़प करने के बाद गलवान घाटी पर दावा ठोंकने वाले चीन को भारत ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि उसकी हरकतों के नतीजे दोनों के बीच संबंधों पर दिखाई देंगे. चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने साफ-साफ कहा है कि चीन LAC पर नए ढांचे बनाना बंद करे, तभी दोनों के बीच शांति स्थापित की जा सकती है. गौरतलब है कि भारत में चीन के राजदूत ने शांति स्थापित करने को भारत की जिम्मेदारी बताया था.
लद्दाख की गलवान घाटी में चीन सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 जवानों की शहादत को लेकर कांग्रेस नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने में जुटी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में देश भर में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए पार्टी आज का दिन ‘शहीदों को सलाम दिवस’ के रूप में मनाएगी, जिसके तहत पार्टी देश भर में ऑनलाइन प्रदर्शन कर नियंत्रण रेखा पर भारतीय सीमा में चीनी अतिक्रमण का विरोध दर्ज कराएगी.
भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. दोनों देशों की सेनाएं बातचीत के जरिए विवाद को खत्म करने में लगी हुई हैं, लेकिन चीन लगातार अपनी नापाक हरकत को अंजाम देने में जुट जाता है. लद्दाख बॉर्डर पर गलवान घाटी और पैंगोंग लेक से जो ताजा सैटेलाइट की तस्वीरें आई हैं, वो चीन की नई साजिश का भांडा फोड़ देती हैं. पूर्वी लद्धाख में एलएएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है. दोनों देशों में सीमा पर तनाव कम करने को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन किसी भी प्रकार का सार्थक परिणाम जमीन पर नजर नहीं आ रहा है.
सूत्रों के मुताबिक रविवार को हुई मेजर जनरल स्तर की बातचीत में दोनों देश अपनी सेना हटाने पर सहमत हो गए थे. हालांकि गलवान घाटी की ताजा सैटेलाइट तस्वीरों पर नजर डालें तो हकीकत कुछ और नजर आती है. सैटेलाइट तस्वीर के सामने आने के बाद चीन की मंशा पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं. सैटेलाइट तस्वीरों को देखकर साफ पता चल रहा है कि चीन बातचीत की आड़ में एक बार फिर भारत को धोखा देने के लिए नई साजिश रच रहा है. मालूम हो गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे. वहीं भारत की जवाबी कार्रवाई में चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे.
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर पर चल रहे तनाव में सोमवार को कुछ नरमी के संकेत देखने को मिले हैं. दरअसल बीत दिन हुई दोनों देशों के मेजर जनरल स्तर की बातचीत के दौरान पूर्वी लद्दाख के तनाव वाले इलाके से अपने सैनिको को हटाने पर सहमत हो गया है. मालूम हो कि 15 मई 2020 को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. वहीं चीन के 40 से अधिक जवानों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था. इस घटना के बाद दोना देशों में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था.
भारत और चीन के बीच मई से ही सीमा विवाद को लेकर लद्दाख बॉर्डर पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. चीनी सैनिकों ने LAC को पार कर लिया था और वो पेंगोंग झील, गलवान घाटी के पास आ गए थे. चीन ने करीब पांच हजार सैनिकों को वहां इकट्ठा किया है और लगातार सैन्य साजो-सामान मंगवा रहा है. भारतीय जवानों के मारे जाने को लेकर चीन ने बयान जारी कर कहा है कि भारत एकतरफा कारवाई ना करें या मुसीबत पैदा ना करें. इस बीच खबर है कि सीमा पर गोलीबारी नहीं हुई बल्कि एक दूसरे के ऊपर पत्थर फेंके गए जिसमें भारतीय सेना के एक कर्नल और दो जवान शहीद हुए हैं.
India China Ladakh Border Clash Live Updates:
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