अरुणाचल प्रदेश. भारत और चीन दो ऐसे देश जिनके बीच लम्बे ( India-China Face Off in Arunachal Pradesh ) समय से विवाद चल रहा है. बीते साल 15 जून की रात को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच हुई सैन्य झड़प के बाद यह विवाद और ज्यादा बढ़ गया था. दोनों […]
अरुणाचल प्रदेश. भारत और चीन दो ऐसे देश जिनके बीच लम्बे ( India-China Face Off in Arunachal Pradesh ) समय से विवाद चल रहा है. बीते साल 15 जून की रात को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच हुई सैन्य झड़प के बाद यह विवाद और ज्यादा बढ़ गया था. दोनों देशों के बीच कई दौर की कोर कमांडर स्तर की बैठक के बाद भी आज तक स्थिति बेहतर नहीं हो पाई. चीन लगातार LAC के करीब अपनी गश्तें बढ़ाता जा रहा है और इसके जवाब में भारत ने भी इससे निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. जिसके चलते भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास एक अग्रिम क्षेत्र में बोफोर्स तोपों को तैनात किया है.
भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद के बीच भारत ने अरूणाचल प्रदेश के Tawang Sector में Bum-La, border बोफोर्स तोपें तैनात कर दी है. उधर चीन पहले से ही तैनाती बढ़ा रहा है और युद्धाभ्यास कर रहा है. माना जा रहा है कि कुछ बड़ा होनें वाला है जिसके मद्देनजर भारत ने ये तैनाती की है. बता दें कि हाल ही में भारत-चीन के सैनिकों में अरूणाचल सेक्टर में आमना-सामना हुआ था.
Bofors guns deployed in a forward area along the Line of Actual Control (LAC) in Arunachal Pradesh pic.twitter.com/qqbFApYaAa
— ANI (@ANI) October 20, 2021
यहां वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर दोनों देशों के सैनिकों के बीच घंटों संघर्ष चला लेकिन भारतीय सैनिक भारी पड़े और 200 चीनी सैनिकों को अरुणाचल प्रदेश की सीमा में घुसने की कोशिश करते बंधक बना लिया. कमांडर स्तर तक बात पहुंची उसके बाद बातचीत के जरिए विवाद को खत्म किया गया. इससे पहले उत्तराखंड में चीनी सैनिकों के आने और पुल तोड़कर चले जाने की खबर आई थी. चीन पुर्वी लद्दाख से लेकर अरूणाचल तक हमलावर रुख अख्तियार किये हुए है और पिछले डेढ़ साल से दोनों देशों में तनाव चल रहा है.
विवाद पर लेफ्टिनेंट जरनल पांडे ने कहा कि नए बुनियादी ढांचों के विकास के बाद से बलों की तैनाती में बढ़ोतरी हुई है. कमांडर ने बताया कि भारत ने कई कदम उठाए हैं और उनमें से सबसे अहम कदम रणनीतिक स्तर से लेकर सामरिक स्तर तक सभी निगरानी संसाधनों के तालमेल के जरिए वास्तविक नियंत्रण रेखा और अंदरूनी इलाकों के पास निगरानी गतिविधियां बढ़ाना है. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास पर्याप्त बल हैं जो हर प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए हर क्षेत्र में उपलब्ध हैं। हम विभिन्न संभावित आकस्मिक स्थितियों से निपटने का अभ्यास कर रहे हैं.