नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख से अच्छी खबर आई है। डेमचोक और देपसांग के मैदानों से भारत और चीन के सैनिकों ने पीछे हटना शुरू कर दिया है। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के मुताबिक भारतीय सैनिकों ने अपने वाहन और गोला-बारूद वापस बुला लिए हैं। वापसी की प्रक्रिया में सैनिकों ने टेंट और शेड […]
नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख से अच्छी खबर आई है। डेमचोक और देपसांग के मैदानों से भारत और चीन के सैनिकों ने पीछे हटना शुरू कर दिया है। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के मुताबिक भारतीय सैनिकों ने अपने वाहन और गोला-बारूद वापस बुला लिए हैं। वापसी की प्रक्रिया में सैनिकों ने टेंट और शेड जैसे कुछ अस्थायी ढांचे हटा लिए हैं, हालांकि पूरी तरह से वापसी में कुछ समय लगेगा। एक बार जब दोनों सेनाएं अपने पिछले पॉइंट पर वापस लौट जाएंगी, उसके बाद पेट्रोलिंग शुरू हो जाएगी।
आपको बता दें कि दोनों देशों के सैनिक उस पॉइंट पर तैनात थे, जहां 2020 से भारत और चीन के बीच टकराव की स्थिति थी। शुक्रवार से भारतीय सैनिकों की वापसी शुरू हो गई है। भारत और चीन 21 अक्टूबर को पट्रोलिंग पर सहमति जताई थी। विदेश मंत्री एक जयशंकर ने कहा था कि भारत और चीन में सीमा पर पेट्रोलिंग सिस्टम को लेकर समझौता हुआ है। इससे मई, 2020 में हुए गलवान टकराव से पहले की स्थति वापस आ जाएगी।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिस्री ने कहा था कि भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में गश्त को लेकर 2020 के बाद पैदा हुए मुद्दों को सुलझाने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस पर दोनों देश कदम उठाएंगे। अप्रैल 2020 में एक सैन्य अभ्यास के बाद चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में कम से कम 6 इलाकों में अतिक्रमण किया था, लेकिन दो साल बाद चीन की पीएलए 4 जगहों से पीछे हट गई थी। दौलत बेग ओल्डी और डेमचोक के फ्रिक्शन पॉइंट्स पर पेट्रोलिंग को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ था और भारतीय सेना को कई इलाकों में रोका जा रहा था।