नई दिल्ली: भारत ने गेहू के एक्सपोर्ट पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. भारत ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब दुनिया भर में गेहूं की कीमतें बढ़ रही हैं. रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के चलते भी दुनियाभर में गेहूं की सप्लाई बाधित हुई है. भारत द्वारा गेहूं निर्यात रोकने पर इसकी G-7 देशों के समूह ने आलोचना की है. जर्मनी के कृषि मंत्री केम ओजडेमिर ने कहा कि भारत के इस कदम से दुनियाभर में खाद्यान्न संकट बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि वे भारत से G20 सदस्य के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभालने का आह्वान करते हैं.
बता दें रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध को 2 महीने से ज़्यादा का समय हो चुका है. इस युद्ध के चलते गेहूं के निर्यात में बड़ी गिरावट आई है क्योंकि ये दोनों देश दुनिया के सबसे बड़े खाद्यान निर्यातक है. दोनों देशों के बीच आपूर्ति प्रभावित होने के बाद भारत से गेहूं की मांग बढ़ गई है. हालांकि इस पर यूक्रेन का कहना है कि उसके पास 20 मिलियन टन गेहूं है, लेकिन उसका व्यापार रूस युद्ध की वजह से पूरी तरह से खत्म हो चुका है.
जर्मनी के कृषि मंत्री केम ओजडेमिर ने कहा कि अगले महीने होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान इस मुद्दे को उठाया जाएगा। ये सम्मेलन जर्मनी में ही आयोजित होना है, जिसमें पीएम मोदी भी भाग लेंगे। कृषि मंत्री केम ओजडेमिर ने कहा कि “निर्यात पर प्रतिबंध बांग्लादेश और नेपाल जैसे देशों को प्रभावित करता है, जिन्हें इसकी तत्काल आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हम यह भी अनुशंसा करते हैं कि इस मुद्दे पर G7 बैठक में एक ठोस निर्णय लिया जाए, जिसमें भारत को आमंत्रित किया जाएगा.’
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